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मीट की दुकानें बंद, एनओसी के 8 आवेदन

जागरण संवाददाता, इटावा : प्रदेश की योगी सरकार के अवैध मीट की बिक्री पर लगाई गई पाबंदी का असर सोमवार

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 06:29 PM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 06:29 PM (IST)
मीट की दुकानें बंद, एनओसी के 8 आवेदन
मीट की दुकानें बंद, एनओसी के 8 आवेदन

जागरण संवाददाता, इटावा : प्रदेश की योगी सरकार के अवैध मीट की बिक्री पर लगाई गई पाबंदी का असर सोमवार को भी बाजार में झलका। बकरा व मुर्गे का मीट बेचने वाले कारोबारियों ने जहां खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के माध्यम से नगर पालिका परिषद से एनओसी लेने के लिए आवेदन किए वहीं भैंस का मीट बेचने वाले कारोबारियों ने एक बार फिर जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर कारोबार करने की अनुमति प्रदान करने की मांग की।

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योगी सरकार ने अवैध मीट के कारोबार को बंद करने के जो निर्देश जिला प्रशासन को दिए उसके तहत प्रशासन के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग तथा नगर पालिका परिषद शहर में मीट की दुकानों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। अभी तक जो बकरा व मुर्गे के मीट की दुकानें अवैध रूप से संचालित हो रहीं थीं अब वह भी लाइसेंस प्राप्त करने के जुगाड़ में जुट गए हैं। बकरा व मीट के कारोबारी लाइसेंस लेने को जब खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग में आवेदन लेकर पहुंचे तो उनको नगर पालिका परिषद से एनओसी की अनिवार्यता पूरी करने के बाद ही लाइसेंस जारी करने का बात कही। इसके बाद आठ आवेदक नगर पालिका पहुंचे जहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली।

इधर भैंसे का मीट तैयार करके बेचने वाले अमजद, जहीर, इरफान, मो. सईद सहित तकरीबन तीन दर्जन कारोबारी सोमवार को जिलाधिकारी शमीम अहमद खान से मिलने पहुंचे और मीट का कारोबार करने की इजाजत मांगी। जिलाधिकारी ने भी नियमों का हवाला देते हुए कहा कि शासन स्तर पर जब नियमों का पालन करने वालों को लाइसेंस जारी करने के निर्देश दिए जाएंगे तभी कारोबार करने की इजाजत दी जाएगी। जिले में जहां बकरा, मुर्गा व भैंसे के मीट की दुकानें बंद रहीं वहीं पुल कहारान पर मछली बाजार गुलजार रहा। यहां पर सुबह से लेकर शाम तक मछली का मीट बेखौफ बेचा गया।

मीट बिक्री के लिए एनओसी लेने आए आवेदकों से अधिशासी अधिकारी नीलम चौधरी ने कहा कि जब तक जिला प्रशासन इसकी इजाजत नहीं देगा पालिका एनओसी नहीं देगी। इससे पूर्व अगर कोई भी मीट की दुकान खोलता है तो वह अवैध मानी जाएगी तथा उसके खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।


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