दूसरे दिन भी बंद रहा मीट का कारोबार
जागरण संवाददाता, इटावा : प्रदेश सरकार की सख्ती के बाद शहर में दूसरे दिन भी मीट का कारोबार नहीं हुआ।
जागरण संवाददाता, इटावा : प्रदेश सरकार की सख्ती के बाद शहर में दूसरे दिन भी मीट का कारोबार नहीं हुआ। मीट कारोबारी लाइसेंस पाने की जुगत में लगे रहे, लेकिन नगर पालिका परिषद व खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की शर्तें पूरी न होने के कारण लाइसेंस जारी करने की अड़चन दूर नहीं हो सकी।
प्रदेश सरकार के आदेश बिना रजिस्ट्रेशन कराए मीट कारोबार पर लगाई गई रोक का असर बाजार में देखा गया। मीट का कारोबार करने वाले लोग दिनभर नगर पालिका परिषद के साथ ही खाद्य सुरक्षा विभाग के चक्कर लगाते रहे।
स्लाटर हाउस के बगैर लाइसेंस नहीं
गुरुवार को मीट का कारोबार करने वाले तकरीबन दो दर्जन लोग फिर नगर पालिका पहुंचे, लेकिन अधिशासी अधिकारी नगर पालिका नीलम चौधरी ने स्पष्ट शब्दों में नकारते हुए कहा कि जब तक स्लाटर हाउस नहीं तैयार होगा किसी भी सूरत में अनुमति नहीं दी जाएगी।
नियमों की पूर्ति के बाद ही बनेगा लाइसेंस
सरकार की सख्ती तथा पुलिस की कड़ी नजर के बाद बाजार में मीट का कारोबार नहीं हुआ। मीट कारोबारी लाइसेंस बनवाने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के कार्यालय का चक्कर लगाते रहे। मुख्य खाद्य अधिकारी नादिर अली ने बताया कि लाइसेंस के लिए नगर पालिका व मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से एनओसी लानी होगी उसके बाद वे चे¨कग करेंगे तभी लाइसेंस जारी किया जा सकता है।
बकरा, मुर्गा व मछली के मीट की दुकानें खुलीं
शहर में जहां भैंसे के कत्ल का कारोबार बंद रहा वहीं बकरा, बकरी, मुर्गा व मछली के मीट की दुकानें खुली देखी गईं। जो दुकानें खुलीं उन पर खाद्य विभाग के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। खाद्य विभाग का कहना है कि मीट में बैक्टीरिया बहुत जल्दी पड़ जाते हैं इस लिए इनकी दुकानों पर फ्रीजर होना चाहिए, इसके साथ ही दुकान पर चिक टंगी हो तथा टाइल्स लगे होने चाहिए। यह शर्त शहर का कोई भी मीट विक्रेता पूरी नहीं कर रहा है।