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मुख्यालय और आसपास के क्षेत्र में नहीं खुलेगा स्लॉटर हाउस

संवादसूत्र, ऊसराहार : सैफई हवाई पट्टी के आसपास के क्षेत्र में कम से कम 30 किलोमीटर की परिधि में नियम

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 01:01 AM (IST)
मुख्यालय और आसपास के क्षेत्र में नहीं खुलेगा स्लॉटर हाउस
मुख्यालय और आसपास के क्षेत्र में नहीं खुलेगा स्लॉटर हाउस

संवादसूत्र, ऊसराहार : सैफई हवाई पट्टी के आसपास के क्षेत्र में कम से कम 30 किलोमीटर की परिधि में नियमानुसार स्लॉटर हाउस प्रतिबंधित है। मुर्गे का मीट भी लाइसेंस के बिना नहीं बेचा जा सकता है और आबादी के मध्य यह दुकानें पूर्णत: प्रतिबंधित रहेंगी। कस्बा ऊसराहार में मीट की दुकानों पर औचक निरीक्षण के लिए आए जिला पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एससी गुप्ता ने यह बात कही।

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डॉ. एससी गुप्ता ने बताया कि ऊसराहार क्षेत्र में किसी भी विक्रेता को मीट बेचने का लाइसेंस जारी नहीं है, ऐसे में यहां मीट की दुकान लगाना गैरकानूनी है। उन्होंने बताया कि हवाई पट्टी के आसपास के क्षेत्र में स्लॉटर हाउस नहीं खोला जा सकता है क्योंकि इससे आसमान में पछियों के हवाई जहाज से टकराने की आशंका रहती है। उन्होंने बताया कि गोवंश के वध पर पूरी तरह प्रतिबंध है और पशुओं के वध से पहले व बाद भी पशु चिकित्सक से पशु की जांच करानी होगी। बीमार व गर्भधारण किए हुए पशु का वध नहीं किया जा सकता है। मीट की दुकानें आबादी से दूर हों और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना होगा। उन्होंने बताया कि स्लॉटर हाउस के लिए नगर पालिका, नगर पंचायत, जिला पंचायत से पंजीकरण कराना होगा साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर्यावरण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। यही नहीं, दुकानदारों को मीट से संक्रमण न हो इसके लिए बर्फ या फ्रिज रखना होगा। इस मौके पर पशु चिकित्सक प्रेम प्रकाश वर्मा व थाना प्रभारी आलोक राय भी मौजूद रहे।

पशु कटान पर निर्धारित है शुल्क

अवैध रूप से पशुओं के कटान से राजस्व को भी भारी क्षति उठानी पड़ रही थी। पशुओं के कटान पर शासन द्वारा शुल्क निर्धारित किया गया है। यह जानकारी देते हुए पशु चिकित्साधिकारी डा. एससी गुप्ता ने बताया कि बड़े पशु पर 30 रुपये और मुर्गा-मुर्गी आदि पर 6 रुपये शुल्क निर्धारित है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि जनपद में बिना लाइसेंस के ही पशुओं का कटान होता रहा है तो सरकार को कितनी बड़ी मात्रा में राजस्व की क्षति होती रही है।


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