दिव्यांग मतदाताओं को नहीं मिली सुविधाएं
जागरण संवाददाता, इटावा : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिव्यांगों व वृद्ध जनों को दिलाई जाने वाली वाहन स
जागरण संवाददाता, इटावा : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिव्यांगों व वृद्ध जनों को दिलाई जाने वाली वाहन सुविधा वाली घोषणा, मतदान केंद्रों पर केवल कागजी साबित हुई। शहर के कई मतदान केंद्रों पर मताधिकार का प्रयोग करने के लिए आये दिव्यांगों व वृद्धजनों को अनेक प्रकार की परेशानियों से गुजरना पड़ा।
शहर के मतदान केंद्र राजकीय इंटर कॉलेज पर दिव्यांगों को वोट डालने की कोई सुविधा नहीं थी। कटरा पुर्दल खां निवासी महिला मतदाता चलने में असमर्थ थी, वह अपने घर से मतदान केंद्र के पहले गेट तक तो ऑटो से आ गयी, लेकिन गेट से बूथ तक जाने के लिए उसे कोई सुविधा नहीं मिली। इस पर उसके भाई ने दो अन्य लोगों की सहायता से अपनी बहन अफसाना बेगम को अपनी पीठ पर बैठा कर वोट डलवाया।
इस मतदान केंद्र पर वृद्धजनों को भी कोई सहायता करने वाला नहीं मिला। आदर्श मतदान केंद्र इस्लामिया इंटर कॉलेज पर भी वृद्ध मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं थी। 88 वर्षीय वृद्ध मतदाता जानकी देवी अपने नाती गोपाल निवासी हर्ष नगर की अंगुली का सहारा लेकर बूथ तक पहुंची।
इसी क्रम में राजकीय बालिका इंटर कालेज मतदान केंद्र पर भी वृद्धजनों को सहयोग करने वाला कोई नहीं मिला। वृद्ध मतदाता रामनरेश, सिविल लाइन अपनी पत्नी का हाथ पकड़ कर बूथ तक पहुंचे। यह नजारा एक नहीं शहर के दर्जनों मतदान केंद्रों पर दिव्यांग व वृद्ध मतदाताओं को वोट डालने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। 100 वर्षीय वृद्धा निर्मला देवी अपने पौत्रों संजय चौहान व आशुतोष त्रिवेदी के साथ अर्चना मेमोरियल मतदान केंद्र पर मतदान करने पहुंचीं। अहेरीपुर के प्राथमिक विद्यालय दादरपुर के बूथ संख्या 238 पर पहुंचे दिव्यांग शिशुपाल को ट्राई साइकिल नहीं मिली वह मतदान केंद्र पर हाथ के बल घिसटते हुये पहुंचे।