बैंकों से वेतन निकालने में छूट रहा है पसीना
इटावा, जागरण संवाददाता : विभिन्न विभागों में नौकरी करने वाले कर्मचारियों का वेतन तो बैंक में आ गया ह
इटावा, जागरण संवाददाता : विभिन्न विभागों में नौकरी करने वाले कर्मचारियों का वेतन तो बैंक में आ गया है, लेकिन वेतन निकालने में उनको पसीना आ रहा है। स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में इस समय वेतन निकालने वालों की भीड़ उमड़ रही है, लेकिन बैंक द्वारा सुचारु व्यवस्था न करने से सरकारी कर्मचारी कह रहे हैं कि बैंक की लाइन में लगे रहने से ही आधी छुट्टियां बीती जा रहीं हैं। ऐसी नोट बंदी तो परेशानी पैदा करने वाली साबित हो रही है।
फौज की नौकरी से एक सप्ताह का अवकाश बड़ी मुश्किल से मिला था, वेतन निकालने के लिए लाइन में लगे हुए आज दूसरा दिन है। अभी तक नंबर ही नहीं आया है। इस तरह से तो दो दिन बैंक की लाइन में ही निकल गये, घर की समस्यायें कब दूर करूंगा।
- बृजेश कुमार यादव
पेशे से शिक्षक हूं, वेतन निकालने के लिए सुबह से लाइन में लगा हुआ हूं, सरकार का कहना था कि सरकारी कर्मचारियों को वेतन निकालने के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा, लेकिन यहां तो बैंक प्रशासन ने कोई भी पृथक से काउंटर नहीं खोला, खोखले दावों से क्या फायदा, यहां तो अब धक्के अधिक और नकदी कम मिल रही है।
- अशोक कुमार
पीएसी की नौकरी ऐसी है कि पता नहीं कब और कहां लगा दिया जाये, दो दिन का अवकाश लेकर आया, वह भी वेतन निकालने में बीता जा रहा है। बावजूद इसके अभी तक तो लाइन में धक्के के अलावा कुछ भी नहीं मिल सका है। वेतन के नाम पर भी 24 हजार दिये जा रहे हैं। इस तरह तो बैंक के चक्कर लगाने में ही वक्त जाया करना पड़ेगा।
- कैलाश चंद्र
नोटबंदी के बाद बैंक से वेतन निकालना आसान नहीं रहा है। बैंक प्रशासन द्वारा कर्मचारियों की सुविधा के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाये जाने से कर्मचारी को इस ठंड में भी पसीना बहाने को मजबूर होना पड़ रहा है। रिश्तेदारी में शादी है, बच्चे तैयार बैठे हुए हैं, यहां वेतन के लिए लाइन में वक्त जाया कर रहा हूं। ऐसा कब तक चलेगा कोई बताने वाली नहीं है।
- वीरेंद्र ¨सह