पटाखा न चलाऐं, गरीबों की झोपड़ी रोशन करें
इटावा, जागरण संवाददाता : रोशनी का त्योहार दीपावली की खुशियां अब चारों ओर नजर आने लगी हैं। शहर के धना
इटावा, जागरण संवाददाता : रोशनी का त्योहार दीपावली की खुशियां अब चारों ओर नजर आने लगी हैं। शहर के धनाड्य लोगों की हवेलियां जहां सतरंगी बिजली की सजावट से रोशन हो रहीं हैं, वहीं गरीबों की झोपड़ी में एक अदद दीपक की रोशनी भी मयस्सर नहीं हो रही है। इसी के साथ साधन संपन्न परिवारों के नौनिहाल आतिशबाजी छुड़ा कर जहां हजारों रुपया खर्च करके अपनी खुशी धुएं में उड़ा रहे हैं, वहीं गरीबों के बच्चे सतरंगी आतिशबाजी व रोशनी देख कर मनमसोस कर रह जाते हैं।
शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ एमएम पालीवाल, डॉ. बीएस अग्निहोत्री, व्यापारी रामशरण गुप्ता, यदुवीर ¨सह यादव सहित अनेक लोगों ने साधन संपन्न लोगों से अपील करते हुए कहा कि गरीबों के बच्चों का दर्द उनके माता, पिता से ज्यादा कोई नहीं जान सकता है। पटाखों पर खर्च होने वाली रकम से हम चाहें तो गरीबों की झोपड़ी रोशन कर सकते हैं। दीपावली का त्योहार आपसी प्रेम व सछ्वाव का त्योहार होता है। हमें चाहिए कि आतिशबाजी न छुड़ा कर उससे होने वाली बचत से गरीबों की झोपड़ी को रोशन करने में मदद करें और गरीबों के बच्चो को भी त्योहार की खुशी का अहसास करायें। साधन विहीन परिवारों के मेधावी बच्चों की पढ़ाई में मदद करके उनका भविष्य सुधार सकते हैं।
इन झोपड़ियों को है रोशनी की दरकार
लाइन पार क्षेत्र के ज्ञान मंदिर के पीछे रेलवे कालोनी में बीते डेढ़ दशक से गैर जनपद के परिवारों का बसेरा है। इन मोमजामा की झोपड़ी में मजदूरों के परिवार सर्दी, गर्मी व बरसात की रात गुजारते हैं। इनके बच्चों को त्योहार का महत्व नहीं मालूम। क्योंकि उनकी झोपड़ी रोशन करने के लिए इनके पास धन नहीं है। हम सबको इनकी भावनाओं को ध्यान रखते हुए पटाखों पर खर्च होने वाली रकम को बचा कर इनकी झोपड़ी रोशन करने की पहल करनी चाहिए। इस तरह के परिवार मैनपुरी फाटक, पक्का तालाब, के पास देखे जा सकते हैं।