अपने ही घर में 'रामगोपाल' का शक्ति प्रदर्शन
इटावा, जागरण संवाददाता : हमेशा काफिले से दूर रहने वाले सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव
इटावा, जागरण संवाददाता : हमेशा काफिले से दूर रहने वाले सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव सोमवार को अपने घर 'इटावा' में शक्ति प्रदर्शन करते नजर आये। पिछले एक पखवाड़े से समाजवादी पार्टी में मुलायम परिवार में हुई उथल-पुथल के बाद इसको उनके शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। इस प्रदर्शन के बारे में कोई घोषणा नहीं की गयी थी।
सोमवार को प्रात: 8 बजे प्रो. रामगोपाल यादव दिल्ली स्थित अपने आवास से इटावा के लिए यमुना एक्स्प्रेस-वे से चले थे। रास्ते में मथुरा से उनका स्वागत शुरू हो गया। उनके समर्थकों का काफिला उनके साथ जुड़ता गया। सभी की मंजिल इटावा थी। हालांकि यह कोई नहीं बता रहा था कि यह शक्ति प्रदर्शन क्यों किया जा रहा है और किसके लिए किया जा रहा है? गौरतलब बात यह है कि प्रदर्शन में हाल ही में सपा से निष्कासित किये गये मैनपुरी के एमएलसी अर¨वद यादव सहित कई लोग थे। कुछ दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ¨सह यादव के आगमन पर उनके समर्थकों के शक्ति प्रदर्शन में भी ऐसा ही उत्साह देखा गया था। हालांकि पूरे शक्ति प्रदर्शन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ¨सह यादव के नारे नहीं लगे बल्कि समर्थकों ने रामगोपाल यादव के नारे लगाये जिस पर उन्होंने समर्थकों को टोका और मुलायम ¨सह यादव ¨जदाबाद के नारे लगाने को कहा।
जिला पंचायत अध्यक्ष आवास पर उनके स्वागत के लिए प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ¨सह यादव के छोटे भाई राजपाल ¨सह यादव व उनके पुत्र अंशुल यादव भी थे। रामगोपाल यादव के साथ गाजियाबाद के एमएलसी राकेश यादव, मथुरा के कई सपा नेताओं के अलावा फिरोजाबाद के विधायक दिलीप यादव, हरिओम यादव के अलावा मैनपुरी के विधायक राजू यादव व इटावा सीमा पर नगर पालिका अध्यक्ष कुलदीप गुप्ता संटू हाइवे पर काफिले के साथ जुड़ते चले गये। इटावा जनपद की सीमा में प्रवेश करते-करते यह काफिला कई किलोमीटर लंबा हो गया। अनुमान के मुताबिक काफिले में एक हजार से अधिक वाहन थे जिसे नियंत्रित करने में फिरोजाबाद से इटावा तक पुलिस को कई जगह काफी मशक्कत करनी पड़ी।
प्रो. रामगोपाल यादव ने इस शक्ति प्रदर्शन पर कहा कि वे अकेले ही घर से निकले थे परंतु समर्थकों ने उनका स्वागत कर डाला तो वे इसमें क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह शक्ति प्रदर्शन कोई प्रायोजित नहीं है। उनके समर्थक स्वेच्छा के साथ आये हैं।