बाह को जिला बनने तक नहीं पहनेंगे चप्पल, कुर्ता-पायजामा
इटावा, जागरण संवाददाता : दहेज निवारण एवं समाज कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा हर नारायण यादव
इटावा, जागरण संवाददाता : दहेज निवारण एवं समाज कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा हर नारायण यादव ने रविवार को कहा कि जब तक आगरा जिले की तहसील बाह को जिला नहीं बनाया जाता तब तक वह अपने पैर में जूता चप्पल व कुर्ता-पायजामा नहीं पहनेंगे। उक्त मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना, आंदोलन 105वें दिन भी जारी है।
बाबा हर नारायण ने पत्रकारों को बताया कि आंदोलन की कार्रवाई शुरू करने से पूर्व 25 मार्च 2016 से अन्न का परित्याग इस प्रतिज्ञा के साथ किया था कि जब तक बाह तहसील जिला घोषित नहीं होगा अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। इसकी जानकारी शासन व प्रशासन को दे दी गयी थी। उन्होंने कहा कि आंदोलन के 100 दिन पूरे होने के बाद बाह को जिला घोषित न किये जाने से दुखी होकर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को पैरों में जूता, चप्पल व बदन पर कुर्ता पायजामा का परित्याग कर दिया।
उन्होंने कहा कि बाह तहसील को जिला बनाया जाना पर्यटन, भौगोलिक, सामाजिक, धार्मिक, विकास सहित जन हित में अति आवश्यक है। वर्ष 1952 में प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पंडित गो¨वद बल्लभ पंत व वर्ष 1957 में प्रदेश के राज्यपाल विश्वनाथन ने बाह आगमन पर क्षेत्र की परिस्थितियों को देखते हुए बाह के जिला बनने की संस्तुति की थी। 1976 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने नये जिलो के गठन के लिए आर्यन आयोग का गठन किया था। इसके तहत प्रदेश में गाजियाबाद, बाह, ललितपुर, भदोई को जिला बनाने की संस्तुति की गयी थी। जिसमें तीन को जिला बना दिया गया था, इसके बाद भी बाह को जिला नहीं बनाया गया था। इसके बाद से प्रदेश में 20 से अधिक जिले बनाये गये परंतु बाह उपेक्षित रहा। वार्ता के दौरान राजीव बाजपेई, हरवीर ¨सह, जयप्रकाश मौजूद रहे।