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सीएम के जिले में अवैध खनन पर अंकुश नहीं

इटावा, जागरण संवाददाता: मुख्यमंत्री के कड़े रूख के बावजूद उनके ही जनपद में अवैध खनन का खेल थम नहीं रह

By Edited By: Published: Sun, 01 May 2016 06:45 PM (IST)Updated: Sun, 01 May 2016 06:45 PM (IST)
सीएम के जिले में अवैध खनन पर अंकुश नहीं

इटावा, जागरण संवाददाता: मुख्यमंत्री के कड़े रूख के बावजूद उनके ही जनपद में अवैध खनन का खेल थम नहीं रहा है। बीहड़ क्षेत्र में यमुना नदी से बालू का खनन अर्से से जारी है। चंबल नदी में सीमावर्ती क्षेत्र में अवैध खनन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। दो बार खनन अधिकारी हमला के शिकार हो चुके हैं, अवैध खनन से जुडे़ माफियाओं तथा जनता के मध्य कई बार फाय¨रग हो चुकी है फिर भी अंकुश नहीं लग पा रहा है।

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जनपद में यमुना नदी पर मुसाबली, सुनबारा, धूमनपुरा, पिलुआ महावीर, प्रतापनेर तथा कचौरा पर बालू का खनन होता था। खनन के लिए घाटों की नीलामी से सरकार हर साल 5 से 7 लाख रुपये राजस्व के रूप में प्राप्त होता था। बीते साल से खनन प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके तहत नीलामी भी नहीं कराई गई लेकिन अधिकतर घाटों पर खनन जारी है। सबसे ज्यादा दबंगई के बल पर पिलुआ महावीर, धूमनपुरा, मुसाबली तथा कचौरा पर खनन किया जा रहा है।

बीते साल लखनऊ से आई टीम के प्रभारी खनन अधिकारी तथा कर्मियों को खनन माफियाओं के गुर्गों ने उदी चौराहा पर घेरकर हमला करके घायल किया था, पिलुआ महावीर के पास कई बार फाय¨रग तथा मारपीट की घटनाएं खनन माफियाओं के मध्य हो चुकी हैं। हद तो तब हो गई थी जब खनन माफिया के गुर्गें थाना सिविल लाइन परिसर से पकड़ा गया बालू भरा ट्रैक्टर जबरन ले गए थे। कुल मिलाकर खनन माफियाओं के समक्ष प्रशासन असहाय ही नजर आ रहा हैं। इससे खनन माफिया बुलंद हौसलों के साथ अवैध खनन का खेल कर रहे हैं।

ढाई से तीन हजार रुपये ट्राली

अवैध खनन के गोरखधंधे में लगी ट्रैक्टर ट्राली में 125 वर्ग फीट बालू भरी जाती है, बाजार में ढाई से तीन हजार रुपये प्रति ट्राली बेची जाती है। जनपद में इन दिनों चारों ओर व्यापक पैमाने पर विकास कार्य होने से इंटरला¨कग तथा दीवारों पर प्लास्टर करने के लिए यमुना नदी की बालू का जमकर प्रयोग किया जा रहा है।

बीते साल में सात स्थानांतरण

अवैध खनन पर आखिर अंकुश कैसे लगे जब एक साल की अवधि में सात खनन अधिकारी स्थानांतरण के शिकार होंगे। इस जनपद में वैसे ही अधिकतर अधिकारी कार्य करने से कतराते हैं, कार्य करने पर यहां रूकना मुश्किल होता है, इसका प्रमाण इसी तथ्य से मिलता है कि बीेते साल में खनन अधिकारी के रूप में कमल कश्यप, विकास ¨सह, अर¨वद कुमार, अनुराग ¨सह, जेपी ¨सह तथा शैलेंद्र ¨सह का स्थानांतरण हो चुका है, तीन दिन पूर्व मनीष यादव को तैनात किया गया है, जिन्होंने अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है।

प्रभावी कार्रवाई जारी

अवैध खनन को लेकर प्रभावी कार्रवाई जारी है, अराजकता प्रदर्शित करने वालों के खिलाफ अभियोग न्यायालयों में विचाराधीन हैं। करीब एक दर्जन ट्रैक्टरों पर जुर्माना किया गया है।- ईश्वर चंद्र अपर जिलाधिकारी


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