तीन साल में भी तैयार न हो सका कंधेसी घार पुल
इटावा, जागरण संवाददाता : तीन साल पूर्व बीहड़ क्षेत्र के गांव कंधेसी घार जाने के लिए यमुना नदी पार क
इटावा, जागरण संवाददाता :
तीन साल पूर्व बीहड़ क्षेत्र के गांव कंधेसी घार जाने के लिए यमुना नदी पार करने के दौरा नौका डूबने से 10 युवाओं की अकाल मौत हो गई थी। इस हादसे ने समूचे प्रशासन को बुरी तरह हिला दिया था। लोक निर्माण मंत्री शिवपाल ¨सह ने यादव ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवारों सांत्वना देते हुए जल्द ही पुल का निर्माण कराने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद पुल निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ तब करीब दो साल तक लोक समिति ने संघर्ष करके पुल निर्माण कराने पर जोर दिया। बीते पांच-छह माह से निर्माण कार्य शुरू हुआ पर अभी तक पुल तैयार नहीं हो सका। इससे क्षेत्रीय ग्रामीण खासे आहत हैं। बीहड़ क्षेत्र में चकरनगर-लवेदी क्षेत्र में यमुना नदी कंधेसीघार, नवादा, बहादुरपुर, ¨चडौली भिटौली, मूसेपुरा, नगला थान ¨सह, रामपुरा सहित करीब डेढ़ दर्जन ग्रामीणों को बकेवर या चकरनगर आवागमन करने के लिए यमुना नदी को पार करना पड़ता है। हर गांव के पास नाव नहीं हैं, डोंगी पर सवार होकर नदी पार करते है। इस क्षेत्र में यमुना नदी में अक्सर पानी ज्यादा ही रहता है। इससे नाव या डोंगी का ही सहारा लेना पड़ता है। 20 फरवरी 2013 को कंधेसीघार के करीब डेढ़ दर्जन ग्रामीण यमुना पार के गांव में आयोजित भोज कार्यक्रम में भाग लेने गए थे। गांव वापस आने के दौरान नाव नदी में पलट गई, इसमें दस युवक नदी में डूब गए थे, अन्य तैराकी जानने से बच गए थे। गोताखोरों ने लगातार तीन दिन कड़ी मशक्कत करके शव निकाले थे। लोक निर्माण मंत्री शिवपाल ¨सह यादव पीड़ित परिवारों को सांत्वना देने गांव पहुंचे तो उस समय आसपास के गांवों से काफी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हुए जिन्होंने एक स्वर कंधेसी घार पर पुल निर्माण कराने की मांग की जिसे उन्होंने स्वीकार करते हुए जल्द ही पुल निर्माण कराने का आश्वासन दिया था।छह माह तक चुप्पी रहने पर संघर्ष लोक निर्माण मंत्री के आश्वासन के बावजूद छह माह तक पुल निर्माण को लेकर कोई कार्यवाही न होने पर राष्ट्रीय लोक समिति के अध्यक्ष सुल्तान ¨सह, ओम नरायण तिवारी, महेश ¨सह चौहान तथा शीरेंद्र अवस्थी ने संघर्ष शुरू किया, यमुना किनारे धरना प्रदर्शन किया गया। मामला शासन प्रशासन तक गूंजा तो इस ओर तवज्जो दी गई।21 करोड़ की लागत का पुलछह माह पूर्व प्रदेश सरकार ने सेतु निगम के प्रस्ताव पर मोहर लगाते हुए 455 मीटर लंबाई के इस पुल की कुल 21 करोड़ स्वीकृत करके निर्माण कार्य की अनुमति प्रदान कर दी। सेतु निगम ने निर्माण कार्य शुरू कराया इसके तहत 16 पिलर में करीब एक दर्जन पिलर पूर्ण होने की ओर हैं, आधा दर्जन पिलर अधूरे हैं। 10 से 15 किमी दूरी होगी कम पुल निर्मित हो जाने पर इस क्षेत्र की करीब डेढ़ दर्जन गांवों की उदी, इटावा आवागमन करने पर करीब 10 से15 किमी की दूरी कम हो जायेगी। इस क्षेत्र के लोगों को चकरनगर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, उदी-चकरनगर मार्ग पर गांव जगतौली से सीधे बकेवर यानी सिक्स लेन पर आने का मार्ग मिल जाएगा।
सेंचुरी की वजह से हुई देरीपुल निर्माण कार्य सेंचुरी क्षेत्र में होने से निर्माण की अनुमति के लिए शासन को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा, अनुमति मिलने में देरी हुई। सात माह पूर्व अनुमति मिली तब शीघ्रता से निर्माण कार्य शुरू कराया गया। मार्च 2017 तक पुल तैयार होने की पूर्ण संभावना है।-देवेंद्र ¨सह, उप परियोजना प्रबंधक सेतु निगम।