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अधिकारियों के कमरे चमाचम, बाहर फैली गंदगी

इटावा, जागरण संवाददाता : प्रधान मंत्री मोदी की प्रेरणा से गत वर्ष जिनके हाथ में झाडू नजर आ रही थी, आ

By Edited By: Published: Thu, 08 Oct 2015 06:57 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2015 06:57 PM (IST)
अधिकारियों के कमरे चमाचम, बाहर फैली गंदगी

इटावा, जागरण संवाददाता : प्रधान मंत्री मोदी की प्रेरणा से गत वर्ष जिनके हाथ में झाडू नजर आ रही थी, आज वह स्वच्छता को भूल गये हैं। खुद के कमरों को चमाचम रखने वाले अधिकारी कार्यालय में व्याप्त गंदगी से अनजान बने हुए हैं। हम बात कर रहे हैं। विद्युत वितरण खंड एवं 33 केवी उपकेन्द्र फ्रेंड्स कालोनी की जहां गंदगी व घास फूस के बीच में कार्यालय संचालित हैं। कार्यालय के बाहर अपार गंदगी व जहां उपकेन्द्र के ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं, वहां भी गंदगी के अंबार लग रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि गत वर्ष यहां आगजनी हो चुकी है। बिजली की चिनगारी से घास में लगी आग ट्रांसफार्मर को चपेट में ले चुकी है। इसके साथ ही उपकेन्द्र महेवा में भी घास व कूड़े में लगी आग से कीमती ट्रांसफार्मर व केबलें जल चुकी हैं। विभाग को लाखों का घाटा होने के बाद भी सफाई की सुध नहीं आ रही है।

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कार्यालय के गेट के पास अपार गंदगी

खंड कार्यालय व उपकेन्द्र के प्रवेश गेट के बाहर कहने को तो मंदिर बना हुआ है, लेकिन उसके आस-पास इतनी गंदगी है, कि उसके पास खड़ा रहना मुमकिन नहीं है। गेट के बाहर गंदगी के बीच बहने वाला गंदा पानी पार करके ही लोगों को अंदर जाना पड़ रहा है।

परिसर में गंदगी के लगे ढेर

कार्यालय परिसर में गंदगी के ढेर देखे जा रहे हैं। जहां विभाग के वाहन खड़े होते हैं उसके पास परिसर का सारा कूड़ा जमा कर दिया जाता है। अफसर तो दूसरी मंजिल पर बैठते हैं जहां भी दीवालों पर गंदगी कम नहीं है। बरामदा के सामने तो ऐसा लगता है, जैसे सारी गंदगी व खत्ताघर यहीं बना दिया गया है।

गंदगी के बीच लगे ट्रांसफार्मर

कई मोहल्लों को बिजली आपूर्ति करने वाली मशीनें व ट्रांसफार्मर के नीचे गंदगी की कोई कमी नहीं है। घास-फूस के बीच संचालित उपकेन्द्र के लिए यहीं गंदगी आग की ¨चगारी गिरने से अभिशाप बन जाती है। यह जानकर भी अधिकारी सफाई की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

गंदगी से बीमारी की संभावना कम नहीं

खंड कार्यालय व उपकेन्द्र के सामने जो गंदे पानी का तालाब सा बना हुआ है, भले ही कचड़े से भर दिया गया हो, लेकिन गंदगी देख कर संक्रमण बीमारी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। हालत यह है कि दिन में भी मच्छरों के कारण लोगों का खड़ा होना असंभव सा हो गया है।

अधिकारियों तक नहीं पहुंचा स्वच्छता का संदेश

कार्यालय की छवि को पान मसाला खाने वालों ने खराब कर दिया है। हालत यह है कि ऊपरी मंजिल की दीवालें भी गंदगी से मुक्त नहीं हुई हैं। कार्यालय कर्मियों को सफाई के प्रति जागरूक होना चाहिए, तभी गैरों से उम्मीद की जा सकती है।

- शोभा सक्सेना

सफाई रखना आम जागरूक नागरिक का पहला कर्तव्य है, लेकिन आज की युवा पीढ़ी इसको भूल चुकी है। घर के लोगों को संस्कार देना चाहिए कि बाहर भी घर की तरह सफाई रखी जा सके। जागरूकता से ही मोदी के सपने को साकार किया जा सकता है।-संजय जैन


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