आसमान छूते दाल के भाव, थाली से हो रही दूर
इटावा, जागरण संवाददाता : घर की मुर्गी दाल बरावर वाली चौपाल पर की जाने वाली चर्चायें, अब वास्तविक धर
इटावा, जागरण संवाददाता : घर की मुर्गी दाल बरावर वाली चौपाल पर की जाने वाली चर्चायें, अब वास्तविक धरातल पर सी साबित होने लगी है। लोग प्याज के आंसू पौछ नहीं पाये थे, तब तक आम लोगों की रसोई की शोभा बढ़ाने वाली दालें भी आसमान की ओर देखने लगी है। आसमान छूते दाल के भाव से गरीवों की थाली खाली रहने लगी है।
इस समय दालों के भावों में हुई बेतहाशा वृद्धि ने आम लोगों की आंखों की नीेंद ही चुरा ली है। दालों के आसमान छूते दामों को सुन कर गरीव व मध्य वर्गीय परिवारों की तो नींद ही उड़ती जा रही है। आम जनता के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दालों के बढ़ते दामों को देखते हुए 10 फीसद सब्सिडी देने की घोषणा की थी। इसी के साथ पीएम ने दालों का आयात कर लोगों को राहत पहुंचाने की बात कही थी। लेकिन अभी तक कोई कारगर प्रबंध नहीं किये गये। जिसको लेकर आम लोग दाल के स्वाद से दूर होते जा रहे है।
लोग बताते है कि इस समय दाल से सस्ता तो मुर्गा बाजार में मिल रहा है। लेकिन दाल की कमी मुर्गा से पूरी तो नहीं की जा सकती है। दालों के दाम बढ़ने से लोग परेशान हो रहे है, बावजूद सरकारों द्वारा महंगाई को रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किये जा रहे हैं। हालत यह है कि मरीजों को भी दाल का पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। दुकानदार जितेंद्र ¨सह चौहान ने बताया कि दालों के दाम दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं, इसकी विक्री पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। दाल की जो विक्री 6 माह पूर्व थी इस समय नाम मात्र को ही दाल लोग खरीद रहे हैं।
एक नजर दालों के भाव पर
दाल अरहर - 120 से 130 रुपये
दाल मूंग - 100 रुपये
दाल उड़द - 100 रुपये
दाल चना - 65 रुपये
दाल मसूर - 90 रुपये
(नोट-सभी कीमत प्रति किलो के हिसाब से हैं।)