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क्या कहते हैं मेधावी

एक्स्ट्राकरिकुलर एक्टिविटीज भी जरूरी नाम : साक्षी ¨सह, मां: शोभा ¨सह, पिता: ओम प्रकाश ¨सह, सीजीपी

By Edited By: Published: Fri, 29 May 2015 01:17 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2015 01:17 AM (IST)
क्या कहते हैं मेधावी

एक्स्ट्राकरिकुलर एक्टिविटीज भी जरूरी

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नाम : साक्षी ¨सह, मां: शोभा ¨सह, पिता: ओम प्रकाश ¨सह, सीजीपीए 10, स्कूल: संत विवेकानंद सीनियर सेकेंड्री स्कूल

इटावा : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान -डायट के प्राचार्य ओपी ¨सह की पुत्री साक्षी का कहना है कि उसने अध्यापकों के बताए अनुसार और एमबीबीएस की तैयारी में लगे बड़े भाई अक्षय व अभिभावकों के मार्गदर्शन में परीक्षा की तैयारियां कर यह सफलता प्राप्त की है। साक्षी कहती है कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के अलावा एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज व खेल को भी समय देना चाहिए, इससे व्यक्तित्व शारीरिक विकास होता है। अपने पिता को अपना आदर्श मानने वाली साक्षी का कहना है कि उसे 9.8 सीजीपीए तक की उम्मीद की थी, लेकिन 10 आने पर बहुत खुशी है।

एयरफोर्स में पायलट बनने की ख्वाहिश

नाम: निधि यादव, मां: नीलम, पिता: विनोद यादव, सीजीपीए 10, स्कूल: संत विवेकानंद सीनियर सेकेंड्री स्कूल

इटावा : स्टेट बैंक की फ्रेंडस कॉलोनी ब्रांच के कैशियर विजय नगर निवासी विनोद यादव की बेटी निधि का कहना है कि एग्जाम अच्छे होने के कारण उम्मीद थी कि 10 सीजीपीए मिलेंगे। उसने बताया कि लखनऊ से पॉलीटेक्निक कर रहे उसके भाई गौरव ने फोन कर उसे जानकारी दी और 12वीं और अधिक अंक लाने के लिए प्रेरित किया। दूसरे बच्चों से उसका कहना है कि मैथ एक ट्रिकी सब्जेक्ट है, इस पर ध्यान देना जरूरी है। अपने पिता को आदर्श मानने वाली निधि को बैड¨मटन खेलना पसंद है और वह एयरफोर्स में पायलट बनना चाहती है।

छात्र संसद की स्पीकर बनेगी डॉक्टर

नाम: श्रेया मिश्रा, मां: प्रीति मिश्रा, पिता: आनंद कुमार मिश्रा, सीजीपीए 10, स्कूल: संत विवेकानंद सीनियर सेकेंड्री स्कूल

इटावा : सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों प्रीति व आनंद की पुत्री श्रेया अपने विद्यालय संत विवेकानंद की छात्र संसद की स्पीकर है। उसका कहना है कि परीक्षा तैयारियों को लेकर तनाव नहीं लेना चाहिए और बोर्ड परीक्षा का प्रेशर नहीं मानना चाहिए, क्योंकि यह भी एक परीक्षा ही है। यदि तैयारी अच्छी होगी तो किसी भी परीक्षा में अच्छा स्कोर करना कठिन काम नहीं है। एनसीईआरटी की किताबों का प्रयोग करना चाहिए, इसमें टॉपिक को बड़ी सहजता से समझाया जाता है। श्रेया कहती है कि मैथ्स की प्रैक्टिस रेग्युलर करना चाहिए, क्योंकि फॉर्मूला की प्रैक्टिस न करने से वह याद नहीं रहता। श्रेया डॉक्टर या मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में जाना चाहती है।

पेरेंट्स के सहयोग व टीचर्स की तैयारी से मिली सफलता

नाम: अनुशील अग्रवाल, मां: भावना, पिता: नवीन अग्रवाल, सीजीपीए 10, स्कूल: संत विवेकानंद सीनियर सेकेंड्री स्कूल

इटावा : जिस विषय पर पकड़ कमजोर हो, उसे ज्यादा समय दें और जिन पर अच्छी हो उन्हें अनदेखा न करें नियमित पढ़ें। जिस तरह से एग्जाम हुए, उससे उम्मीद थी 10 सीजीपीए पाने की। कटरा सेवा कली निवासी ज्वैलर्स नवीन के पुत्र अनुशील का कहना है कि उसे पेरेंट्स के सहयोग व टीचर्स द्वारा कराई गई तैयारी से ही यह सफलता मिली है। अभी भविष्य का कोई लक्ष्य नहीं है, फिलहाल 11वीं और 12वीं में अच्छे अंक लाकर आधार मजबूत करना है। 11वीं में कॉमर्स लेने जा रहे और क्रिकेट खेलने के शौकीन अनुशील का कहना है कि किसी भी विषय को हल्के में नहीं लेना चाहिए और कोई डाउट यदि हो तो उसे क्लियर किए बिना आगे नहीं बढ़ना चाहिए।

शेड्यूल बनाकर करें पढ़ाई

नाम: प्रतीक्षा ¨सह, मां: सरिता ¨सह, पिता: स्व. अजेंद्र ¨सह कुशवाह, सीजीपीए 10, स्कूल: संत विवेकानंद सीनियर सेकेंड्री स्कूल

इटावा : जितना पढ़ो, अच्छे से पढ़ो। अभिभावकों को दिखाने या उनके भय से किताबों के सामने बैठे रहने से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला। शेड्यूल बनाकर पढ़ाई करनी चाहिए और सभी विषयों को समान रूप से प्रगति करते हुए कोर्स को समय से समाप्त करना चाहिए, ताकि एग्जाम से पहले रिवीजन के लिए पर्याप्त समय मिल सके। अपने मामा व चचेरे भाई जो कि इंजीनियर हैं, से मार्गदर्शन प्राप्त कर अध्ययन करने वाली प्रतीक्षा को बागवानी का शौक है। कृषि विभाग में कार्यरत रहे स्वर्गवासी पिता की इकलौती बेटी प्रतीक्षा घर के काम में मां का बखूबी हाथ बंटाती है।

बहन को दिया सफलता का श्रेय

नाम: कुशाग्र अग्रवाल, मां: मोनिका, पिता: किशन कुमार अग्रवाल, सीजीपीए 10, स्कूल: संत विवेकानंद सीनियर सेकेंड्री स्कूलइटावा: तीन दिन पूर्व निकले सीबीएसई 12वीं के नतीजों में टॉप टेन में शामिल रही संत विवेकानंद की छात्रा जाह्नवी अग्रवाल का छोटा भाई कुशाग्र कहता है कि वह 5 से 6 घंटे प्रतिदिन पढ़ाई करता था और सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता है। इलाहाबाद बैंक औरैया में मैनेजर किशनु कुमार का पुत्र कुशाग्र अपनी सफलता का श्रेय अपनी बहन को देते हुए कहता है कि सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, गेम्स में भी पार्टिसिपेशन जरूरी है।

नियमित प्रैक्टिस से विषय होता मजबूत

नाम: यशराज ¨सह भदौरिया, मां: सरिता ¨सह, पिता: अजय ¨सह भदौरिया, सीजीपीए 10, स्कूल: संत विवेकानंद सीनियर सेकेंड्री स्कूलइटावा : प्रोफेसर कॉलोनी निवासी अधिवक्ता अजय ¨सह भदौरिया व सरिता का पुत्र यशराज कहता है कि एग्जाम अच्छे होने से 10 सीजीपीए पाने की उम्मीद थी। उसका कहना है कि टीचर जो पढ़ाए उसका नियमित रिवीजन किया जाए और परीक्षा के समय उनकी प्रैक्टिस की जाए तो सफलता की संभावना बढ़ जाती है। ऑटोमोबाइल इंजीनिय¨रग बनने की ख्वाहिश रखने वाले यशराज का छोटा भाई युवराज भी सेंट मेरी के नौवीं कक्षा का छात्र है। यशराज ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है।


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