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शरीर में मौजूद आत्मा रुपी गंगा सदैव रहती है पवित्र

बकेवर, संवादसूत्र : नगर के माता सती के मंदिर पर जल रही श्रीमद भागवत कथा में कथा वाचक कुमारी सोनी

By Edited By: Published: Fri, 29 May 2015 01:15 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2015 01:15 AM (IST)
शरीर में मौजूद आत्मा रुपी गंगा सदैव रहती है पवित्र

बकेवर, संवादसूत्र : नगर के माता सती के मंदिर पर जल रही श्रीमद भागवत कथा में कथा वाचक कुमारी सोनी शास्त्री भारद्वाज ने कहा कि मनुष्य कुछ भी कर ले अगर उस पर भगवान की कृपा नहीं होगी तो उसे ईश्वर की भक्ति का अवसर नहीं मिलेगा। शरीर में मौजूद आत्मा रुपी गंगा सदैव पवित्र रहती है। उन्होंने कहा कि जब तक मनुष्य शरीर में मौजूद प्रयागराज में डुबकी नहीं लगायेगा, तब तक मनुष्य को मुक्ति मिलना संभव नहीं है। जिस मनुष्य के शरीर में काम क्रोध, लोभ, मोह, राग-द्वेष जमे हुए हैं, ऐसे अशांत मनुष्य के पास संत भी आने से घबराते हैं। उन्होंने कथा सुनाकर भक्तों को भाव विभोर कर दिया। कथा के आयोजक महेश गिरि महाराज, दुर्गा प्रसाद महाराज, प्रहलाद दास महाराज, राजेश यादव, अभिलाख ¨सह, पप्पन यादव, आदि ने आरती उतारी।

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