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फरवरी से बंद है आंगनबाड़ी केंद्रो के बच्चों का निवाला

इटावा, जागरण संवाददाता : जनपद में 1564 आंगनबाड़ी केंद्रों पर करीब 80 हजार बच्चों को मिलने वाला भोजन ब

By Edited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 01:08 AM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2015 01:08 AM (IST)
फरवरी से बंद है आंगनबाड़ी केंद्रो के बच्चों का निवाला

इटावा, जागरण संवाददाता : जनपद में 1564 आंगनबाड़ी केंद्रों पर करीब 80 हजार बच्चों को मिलने वाला भोजन बीते माह फरवरी से बंद चल रहा है। हॉटकुक्ड योजना असफल होने के पश्चात राज्य सरकार पूर्व की भांति मातृ समिति के माध्यम से मीनू के मुताबिक भोजन व्यवस्था चलाना चाह रही है। इस व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार का अनुमोदन मिलना आवश्यक है। फरवरी से यह मामला केंद्र सरकार के बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में लंबित पड़ा है। जनपद में इस योजना पर हर माह करीब 35 से 40 लाख रुपये व्यय होते हैं। गरीब बच्चों के भोजन की ओर कोई तवज्जो नहीं दी जा रही है।

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आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गरीबों बच्चों को एक माह में 25 दिन एक समय का भोजन मिल जाता था। हॉटकुक्ड योजना के माध्यम से हर केंद्र पर सुपाच्य और कुपोषण मुक्त भोजन मीनू के मुताबिक बच्चों को परोसने की रणनीति तैयार की गई थी। गत वर्ष केंद्र सरकार की इस योजना को लागू करने में चार माह बीते गए थे, माह जुलाई से बच्चों को भोजन दिया गया लेकिन हर केंद्र पर भोजन नहीं पहुंचा। बीहड़ तथा ताखा ब्लाक क्षेत्र खासा प्रभावित रहा। इसके अलावा भोजन की गुणवत्ता इतनी खराब थी कि कई केंद्रों पर भोजन फेंका गया। चारों ओर से शिकायत मिलने पर बीते माह अक्टूबर से हॉटकुक्ड बनाने वाले एनजीओ का भुगतान प्रशासन ने बंद कर दिया। इससे बीती एक फरवरी से भुगतान न होने को लेकर हॉटकुक्ड बनाने वाले एनजीओ हाथ खड़े करके भाग गए तब से अभी तक आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को भोजन नहीं मिल रहा है।

हर माह 35-40 लाख की बचत

आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को मीनू के अनुरूप भोजन दिए जाने पर हर माह 35 से 40 लाख रुपये व्यय होते हैं। करीब 80 हजार बच्चों में 60 फीसद बच्चे केंद्रों पर उपस्थित होते हैं। प्रति बच्चा साढ़े तीन रुपये एक दिन की खुराक के लिए निर्धारित है। भोजन बंद होने से सरकार को हर माह उक्त धन राशि की बचत हो रहीे है। राज्य सरकार का प्रस्ताव पास हो जाने पर जुलाई माह से भोजन वितरण शुरू होने की संभावना है।

मातृ समिति योजना की पहल

आंगनबाड़ी केंद्रों पर पूर्व में मातृ समिति के माध्यम से बच्चों की भोजन व्यवस्था थी। इसके मुताबिक केंद्र पर बच्चों की माताओं में से एक माता को अध्यक्ष चुना जाता था। अध्यक्ष तथा आंगनबाड़ी कार्यक‌र्त्री के नाम संयुक्त बैंक खाता होता था। समिति की देखरेख में मीनू के अनुरूप बच्चों को ताजा भोजन मिला करता था। इस व्यवस्था पर केंद्र सरकार ने हॉटकुक्ड योजना लागू की थी जो धरातल पर बुरी तरह नाकाम रही।

जल्द भोजन शुरू होने की संभावना

आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का भोजन मिलना जल्द शुरू हो जायेगा। प्रदेश सरकार पूर्व की भांति मातृ समिति के माध्यम से भोजन व्यवस्था कराना चाहती है लेकिन इसकी स्वीकृति केंद्र सरकार से मिलेगी। प्रदेश मुख्यालय से प्रस्ताव केंद्र सरकार को प्रेषित किया जा चुका है, जो जल्द स्वीकृत हो जायेगा। आशा है कि आगामी माह से केंद्रों पर बच्चों को भोजन मिलने लगेगा।

अजीत कुमार ¨सह, जिला कार्यक्रम अधिकारी


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