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तहसील परिसर में पानी को भटकते लोग

भरथना, संवाद सहयोगी : ग्रीष्म ऋतु के शुरू होते ही लोगों के हलक सूखने लगे हैं। तहसील परिसर में लगी शी

By Edited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 01:08 AM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2015 01:08 AM (IST)
तहसील परिसर में पानी को भटकते लोग

भरथना, संवाद सहयोगी : ग्रीष्म ऋतु के शुरू होते ही लोगों के हलक सूखने लगे हैं। तहसील परिसर में लगी शीतल पेयजल की मशीन प्रतिदिन भीड़ में 3 प्यासों का गला तर नहीं कर सकी। परिसर में लगे तीन इण्डियामार्का हैण्डपम्प बालू उगल रहे हैं और शीतल मशीन एक वर्ष से सफेद हाथी की तरह खड़ी प्यासों को चिढ़ा रही है। ग्रीष्म ऋतु के शुरू होते ही यहां पहुंचने वाले ग्रामीण मुवक्किलों को गला तर करने को इधर-उधर भटकते देखा जाता है। परिसर में मौजूद करीब 6 दर्जन से अधिक वकीलों और एक सैकड़ा से अधिक तहसील कर्मचारियों को घर व बाहर से पीने का पानी लाने को मजबूर होना पड़ रहा है। एडवोकेट सुदामा लाल दोहरे, सुभाष चन्द्र यादव, चन्द्र कुमार यादव, हाकिम ¨सह, अनुपम शाक्य, रामकृष्ण श्रीवास्तव, श्रीप्रकाश पोरवाल के अनुसार तहसील परिसर में लगे तीन इण्डियामार्का हैण्डपम्प बालू उगल रहे हैं। वहीं ठंडे पानी की मशीन सफेद हाथी बनी हुई है।

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