बंदियों ने हवालात से भागने को लगाई नकब
इटावा, जागरण संवाददाता : कचहरी परिसर स्थित हवालात के हालात संवेदनशील हो चुके हैं। एक के बाद एक चौकान
इटावा, जागरण संवाददाता : कचहरी परिसर स्थित हवालात के हालात संवेदनशील हो चुके हैं। एक के बाद एक चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। सप्ताह भर पहले बंदियों ने पुलिस पर हमला किया था। ताजा मामला बंदियों द्वारा हवालात में नकब लगाकर भागने की साजिश रचे जाने का सामने आया है। चार बंदियों ने नकब लगाकर उसको ढक दिया था और यह तय किया था कि अगली पेशी पर आने पर वे भाग निकलेंगे।
हवालात में नकब लगाने का खुलासा तब हुआ जब एक बंदी ने हवालात ड्यूटी दे रहे मुहर्रिर अवधेश ¨सह को इसके बारे में बताया। इसके बाद अवधेश ने पीछे की दीवार को चेक किया और दीवार की मरम्मत करवाई गई। नकब का खुलासा सोमवार को शाम चार बजे ही हो गया था लेकिन इसको मंगलवार की शाम तक छिपाये रखने की कोशिश की गई। मुहर्रिर ने नकब लगाने वाले चार बंदी बृजेंद्र पुत्र कृपाल ¨सह निवासी नवलपुर जसवंतनगर, प्रमोद कुमार जाट पुत्र रामकिशन हिसार हरियाणा, अनिल पुत्र हरीराम निवासी सोनीपत, अजय पुत्र चक्रपान निवासी बंधा भरथना के खिलाफ सिविल लाइन थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई है। नकब के बारे में सूचना देने वाले बंदी ने बताया था कि चारों बंदियों ने अगली पेशी पर भाग निकलने की योजना बनाई थी।
गौरतलब है कि 25 फरवरी को हवालात में बंद सात बंदियों ने पुलिस पर हमला किया था। इसमें एक सिपाही की राइफल छीनकर जानलेवा हमला करते हुए फायर भी किया था। तब भी मुहर्रिर अवधेश ¨सह ने बंदियों के खिलाफ हमले का मामला दर्ज कराया था। दरअसल तब बंदियों ने हमला इसलिए किया था क्योंकि वे हवालात में जुआ खेलते वक्त आपस में झगड़ा कर रहे थे और पुलिस ने उनको रोकने की कोशिश की थी। तब सवाल उठा था कि आखिर हवालात में बंदियों के पास ताश की गड्डी कैसे पहुंची। ऐसे ही ज्वलंत सवालों के घेरे में पुलिस के आने और एक के बाद एक नाकामियों के पृष्ठ खुलने के बावजूद सनसनीखेज घटनाओं पर विराम नहीं लग पा रहा है।