Move to Jagran APP

यहां बैठने से डरते हैं कर्मचारी

फोटो : 8 इटावा, जागरण संवाददाता : शासन की उपेक्षा का नमूना देखना है तो मकसूदपुरा दवग्रान रोड स्थित

By Edited By: Published: Sun, 01 Mar 2015 01:09 AM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2015 01:09 AM (IST)
यहां बैठने से डरते हैं कर्मचारी

फोटो : 8

loksabha election banner

इटावा, जागरण संवाददाता : शासन की उपेक्षा का नमूना देखना है तो मकसूदपुरा दवग्रान रोड स्थित जिला खाद्य विपणन कार्यालय को देखा जा सकता है। आजादी के पहले से बना यह किराये का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। हालत यह है कि छत से झांक रहे लेंटर के सरियों को साफ गिना जा सकता है। बरसात में तो यहां छत का पानी रोकने के लिए तिरपाल डालना पड़ जाता है। कार्यालय भवन की जर्जर हालत को देखकर कर्मचारी भी सदैव भयभीत रहते हैं। लाख कोशिश के बाद भी विभाग को सुरक्षित भवन नहीं दिलाया जा सका है।

शहर के मकसूदपुरा में स्थित जिला खाद्य विपणन कार्यालय तकरीबन 50 साल से संचालित है। एक अर्से पूर्व बने इस भवन की छतें तो इतनी जर्जर हो गयी हैं कि छत का एक-एक सरिया गिना जा सकता है। दीवारें भी इतनी कमजोर हो गयी हैं कि प्लास्टर के साथ ईट भी निकलने लगी हैं। कमरों में लगे दरवाजे कब टूट जाएं, कहा नहीं जा सकता। सुरक्षा को देखते हुए जिला विपणन अधिकारी ने टूटे दरवाजों को टिन की चादर लगवा कर बाहरी हवा के प्रवेश को रोक रखा है, यह बात दूसरी है कि यदि जोर का धक्का लग जाये तो दरवाजे भी दीवार का साथ छोड़ देंगे।

इस कार्यालय के चारों ओर गंदगी व्याप्त है और यहां सुअर रात-दिन विचरण करते रहते हैं। घास व झाड़ियों में अनेक प्रकार के जानवर रहते हैं जो कई बार निकल कर कमरे के अंदर तक आ जाते हैं। कर्मचारी मजबूरी में यहां नौकरी करने आते हैं। भवन की दशा देखकर कोई भी व्यक्ति इसमें प्रवेश करने का साहस नहीं जुटा सकता है।

कई बार अधिकारियों का ध्यानाकर्षण भी कराया गया। शासन व प्रशासन द्वारा कोई दूसरा भवन नहीं दिया जा रहा है।

आरएन पाल, जिला खाद्य विपणन अधिकारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.