जायदाद की खातिर मारा इकलौता भतीजा
इटावा, जागरण संवाददाता : महलई के मासूम देव की अपहरण कर हत्या के मामले में गैर नहीं अपने ही खून के प्
इटावा, जागरण संवाददाता : महलई के मासूम देव की अपहरण कर हत्या के मामले में गैर नहीं अपने ही खून के प्यासे निकले। उसका ताऊ आदेश शाक्य ही उसकी जान का दुश्मन इसलिए बन गया क्योंकि वह अपने छोटे भाई अरविंद शाक्य की तुलना में माली हैसियत में पिछड़ गया था। उसको छोटे भाई की संपन्नता खटकने लगी थी। वह नहीं चाहता था कि छोटे भाई का एकलौता वारिस ¨जदा रहकर आगे उसकी जायदाद का मालिक बने। अपहरण के पीछे उसके दो मकसद रहे। पहला, अपहरण में साढ़े 7 लाख की फिरौती वसूल करके माली हैसियत को जोर का झटका मारा जाए और दूसरा, इकलौते वारिस की हत्या करके छोटे भाई की जायदाद पर कब्जा किया जा सके।
अर¨वद शाक्य की पहली शादी करीब 12 साल पहले हुई थी। पहली पत्नी से उसको कोई संतान प्राप्त नहीं हुई। तब उसने दूसरी शादी करीब पांच साल पहले की थी। दूसरी पत्नी ने देव को जन्म दिया। देव चार साल का हो गया था। परिवार वाले बताते हैं कि अर¨वद की शादी सभी भाइयों की रजामंदी से हुई थी। दो पत्नियां साथ-साथ मिल-जुलकर रहती हैं। किसान अर¨वद ने कड़े परिश्रम से अपनी माली हैसियत अन्य भाइयों की तुलना में काफी बढ़ा ली थी। बड़े भाई आदेश ने उसकी माली हैसियत का मुकाबला करने के लिए अवैध शराब का धंधा शुरू कर दिया था। पुलिस अधिकारियों की बातों पर यकीन किया जाए तो उपद्रव में आदेश के पक्ष में उसके वही समर्थक बड़ी संख्या में थे, जो कहीं न कहीं अवैध शराब के धंधे में लिप्त हैं। इनको चिह्नित कर लिया गया है। इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मासूम का अपहरण कर हत्या कर दिए जाने के पीछे मुख्य वजह घरेलू जलन सामने आई है। शराब का अवैध धंधा करने वाला आदेश शराब का नशा भी करता है। नशे की प्रवृत्ति ने ही उसकी माली हैसियत छोटे भाई की तुलना में कमजोर हो गई थी। इसलिए उसने अपहरण की योजना को अंजाम दिया।