बूंदाबांदी से बढ़ी ठंड, पारा 4.5 डिग्री
इटावा : रविवार सूर्यदेव का दिन होने के बावजूद बादल उन पर भारी पड़े। दोपहर से बूंदाबांदी शुरू होने से
इटावा : रविवार सूर्यदेव का दिन होने के बावजूद बादल उन पर भारी पड़े। दोपहर से बूंदाबांदी शुरू होने से ठंड और अधिक बढ़ गई। तापमान न्यूनतम 4.5 तो अधिकतम 18 डिग्री सेल्सियस पर रहा। आठ किमी की रफ्तार से उत्तरी पश्चिमी हवा चलने से अधिकतर लोगों की कंपकंपी छूट रही थी। मौसम की मार से ट्रेनों का संचालन खासा प्रभावित था, चारों ओर सन्नाटा सा छाया हुआ था।
कड़ाके की सर्दी का कहर निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को सुबह से ही घने बादल छाने से चारों ओर सन्नाटा सा पसरा हुआ था। पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे सूर्यदेव ने प्रकट होने का प्रयास किया लेकिन बादलों ने उनके प्रयास को विफल कर दिया। इसके पश्चात बादलों का दवाब निरंतर बढ़ने लगा तथा अपराह्न डेढ़ बजे से बूंदाबांदी शुरू हो गई। अवकाश होने से स्कूली बच्चों व सरकारी कर्मियों को खासी राहत मिल गई। मौसम की मार से बाजारों में भी सन्नाटा सा छाया था। सड़कों पर फिसलन होने से वाहन रेंग-रेंगकर चल रहे थे।
शताब्दी 16 घंटे लेट आई
मौसम की मार से ट्रेनों का संचालन खासा प्रभावित है, चार ट्रेनों का आवागमन बंद होने के बावजूद अधिकतर ट्रेनें पांच से 16 घंटे की देरी से चल रही हैं। नई दिल्ली से कानपुर आने वाली शताब्दी 16 घंटे लेट आई जबकि दिल्ली की ओर जाने वाली पूर्वा 12, फरक्का 11, ऊंचाहार 10, मगध नौ, कालका मेल पांच घंटे की देरी से चल रही है, अन्य ट्रेनों का कमोवेश यही हाल बना हुआ है। इससे आरक्षित टिकट पर यात्रा करने वाले यात्री खासे परेशान हैं।