गरजा बुलडोजर, हटा अतिक्रमण
इटावा, जागरण संवाददाता : शहर के सबसे व्यस्ततम रोड पर नगर पालिका का अतिक्रमण अभियान शुक्रवार को आखिरक
इटावा, जागरण संवाददाता : शहर के सबसे व्यस्ततम रोड पर नगर पालिका का अतिक्रमण अभियान शुक्रवार को आखिरकार चल गया। शास्त्री चौराहा से लेकर गुरु तेग बहादुर सेतु तक सड़क के दोनों तरफ सारा अतिक्रमण हटा दिया गया। हालत यह हुई कि नगर पालिका के दस्ते को देखकर लोग भाग खड़े हुये। आसपास के इलाकों में भी अफरातफरी मच गयी। इस सड़क पर दिन भर जाम के हालात बने रहे।
बताते चलें कि दैनिक जागरण ने बीते 1 दिसंबर को पेज नंबर चार पर प्रकाशित खबर में सड़कों पर कारोबार वाले शीर्षक से नगर पालिका व जिला प्रशासन को आगाह किया था। उसका प्रभाव शुक्रवार को नजर आया। इस इलाके में व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकानें बनाकर कारोबार शुरू कर दिया था। शास्त्री चौराहा से मालगोदाम रोड से खाली करायी गयी जमीन पर बीते दो साल से कुछ लोगों ने फिर अतिक्रमण कर लिया था। यहां फुटपाथ पर ही ऑटो मरम्मत, नाई, ढाबा, कबाड़ सहित अनेक प्रकार की दुकानें यहां खुल गयी थी। फुटपाथ पर अतिक्रमण हो जाने से जहां पैदल चलना दूभर हो गया था, वहीं वाहनों की रेलमपेल से आये दिन लोगों को जाम से जूझना पड़ता था। नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी जनार्दन राय, कर निर्धारण अधिकारी जगजीवन राम, जलकल अभियंता, एमएल सचान, मुख्य सफाई निरीक्षक, राजेन्द्र कुमार, अशोक कुमार आदि की टीम ने बुलडोजर के साथ जैसे ही शास्त्री चौराहा पर अतिक्रमण हटाना शुरु किया। अतिक्रमणकारियों में खलबली मच गयी। लोगों ने अपने-अपने टट्र हटाने का असफल प्रयास किया। बुलडोजर के जरा से प्रयास से ही झुग्गी झोपड़ी ढहा दी गई। इस रोड पर अधिकांश अतिक्रमण कच्चा था, कुछ खोखे भी रखे हुए थे, वह दुकानदारों ने स्वत: ही हटा लिए और जिन्होंने खोखा नहीं हटाए, पालिका का दस्ता उन्हें उठाकर ले गया। इस मार्ग पर अतिक्रमण अभियान के दौरान खास बात यह रहीं कि लोगों ने जीआईसी व सड़क से ईटें उखाड़ कर अपनी झोपड़ी को सजाने में लगा रखी थी और अपनी रोजी रोटी कमाने के साथ ही कुछ अतिक्रमण धारी पशुओं का पालन कर के अपना धंधा चला रहे थे। नगर पालिका के ईओ जनार्दन राय ने कहा कि अतिक्रमण अभियान अब इसी प्रकार चलता रहेगा। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद रहा। बताते चलें कि इस मार्ग पर वर्ष 2005 में नगर पालिका की 80 दुकानें अतिक्रमण बताते हुये तत्कालीन अपर जिलाधिकारी रामविलास यादव ने ढहा दी थीं तब ये तर्क दिया गया था कि इस सड़क को और चौड़ा कर सुंदर बनाया जायेगा। परंतु 10 साल बीत जाने के बावजूद भी ऐसा कुछ नहीं हुआ उलटा लोगों ने पूरी सड़क पर कब्जा ही कर लिया।