तिहरे हत्याकांड के लिए दी 50 हजार की सुपारी
इटावा, जागरण संवाददाता : पखवाड़े भर पहले 11 नवंबर की रात इकघरा गांव में तिहरे हत्याकांड को अंजाम देना
इटावा, जागरण संवाददाता : पखवाड़े भर पहले 11 नवंबर की रात इकघरा गांव में तिहरे हत्याकांड को अंजाम देना वाला गैर नहीं सगा भाई ही निकला। उसी ने तीन सदस्यीय परिवार के सफाये के लिए दो लोगों को 50 हजार की सुपारी दी थी। सुपारी की रकम हत्याकांड के बाद दिया जाना तय था लेकिन लेन-देन से पहले ही तीन हत्यारोपियों में से दो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। खून के प्यासे बने भाई के मुताबिक उसने भाभी की चरित्रहीनता, उसके नाम जमीन का बैनामा और उसकी मासूम बेटी को इसलिए मारा ताकि भाई की जमीन पर कब्जा करने का रास्ता पूरी तरह साफ हो जाए। उसी ने हत्याकांड में गंगापुरा के पिता-पुत्र को नामजद कर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. राकेश सिंह ने बताया कि ऊसराहार थानाध्यक्ष संजय सिंह यादव ने तिहरे हत्याकांड का खुलासा कर महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। जयराम सिंह पुत्र हुकुम सिंह निवासी ग्राम इकघरा ने थाने में तहरीर दी थी कि उसके बड़े भाई परशुराम यादव और वह एक ही मकान में अलग-अलग कमरे में रहते हैं। भाभी की मृत्यु 10 वर्ष पहले हो गई थी तो भाई परशुराम ने ग्राम गंगापुरा चौबिया जहां बड़ी बहन स्व. धनदेवी की देवरानी विमला देवी पत्नी रामकिशन से नाजायज संबंध कायम कर आठ-नौ साल पहले दिल्ली भगा ले गया था। जहां एक पुत्री हिमांशू पैदा हुई। इसी वर्ष घर आकर विमला और तीन साल की हिमांशू के साथ उसके साथ मकान में ऊपर कमरे में रह रहा था। वापस आने की जानकारी मिलने पर रामकिशन विमला को वापस ले जाने के लिए पंचायत करने लगा तो विमला ने मना कर दिया। इसी रंजिश को लेकर रामकिशन और उसके पुत्र धर्मेद्र ने दो अन्य व्यक्तियों के साथ आकर भाई परशुराम व विमला देवी, हिमांशू की गोली मारकर हत्या कर दी। इस पर उक्त आरोपी ठहराए लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की गई। डा. सिंह ने बताया कि विवेचना में पाया गया कि उक्त तीनों की हत्या जमीन को हड़पने के लालच में विमला देवी पर चरित्र हीनता का आरोप लगाकर जयराम ने अपने साथी जर्मन सिंह उर्फ प्रेम सिंह पुत्र राम सनेही यादव व मुकेश यादव पुत्र लाल सिंह निवासीगण सुंदरा ऊसराहार द्वारा एक योजना के तहत गोली मारकर हत्या की गई है। किए गए अपराध से बचने के लिए मिथ्या साक्ष्य गढ़कर गलत नामजदों का मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। साक्ष्य के आधार पर जयराम सिंह और जर्मन सिंह को 24 नवंबर को गिरफ्तार किया गया। जिनके द्वारा जुर्म इकबाल कर घटना में प्रयोग की गई 315 बोर की नाजायज देशी बंदूक अभियुक्त जयराम द्वारा और 315 बोर का तमंचा अभियुक्त जर्मन सिंह द्वारा घूरे में रखे गए स्थान से बरामद किया गया। इस पर परशुराम की पूर्व पत्नी स्व. सूरजमुखी की पुत्री नेजना यादव पत्नी सुभाष चंद्र निवासी लोहरी कुर्रा मैनपुरी द्वारा वास्तविक घटना की तहरीर को मूल एफआईआर मानकर नेजना को वादिनी और जयराम सिंह, जर्मन सिंह व मुकेश यादव को अभियुक्त बनाया गया है।
मासूम को मारा था जयराम ने
जयराम और उसके भाई परशुराम यादव के हिस्से में कुल 15 बीघा जमीन है। परशुराम अपने हिस्से की जमीन घटना के एक दिन बाद विमला देवी के नाम करने वाला था। इससे जयराम अंदरुनी तौर पर खफा था। जयराम के मुताबिक उसने परशुराम और विमला की हत्या के लिए जर्मन और मुकेश को 50 हजार की सुपारी दी। रकम हत्या के बाद दिया जाना तय किया गया। मुकेश ने परशुराम की, जर्मन ने विमला की हत्या की जबकि जयराम ने परशुराम की गैर लाइसेंसी बंदूक से तीन साल की हिमांशू की हत्या की। हालांकि जर्मन ने हिमांशू की हत्या करने से रोकने की कोशिश की थी लेकिन जयराम ने तर्क दिया था कि हिमांशू बड़ी होने पर पिता की जमीन पर दावा करेगी। जर्मन ने परशुराम के साथ सुरक्षा गार्ड की नौकरी दिल्ली में की थी।
खुलासे पर मिला इनाम
एसएसपी ने तिहरे हत्याकांड के खुलासे पर पुलिस पार्टी को ढाई हजार का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। खुलासे के मौके पर एएसपी सर्वानंद सिंह यादव, सीओ भरथना राघवेंद्र सिंह राठौर मौजूद थे।