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ध्यानपूर्वक करें भगवद् गीता श्रवण-पाठ

इटावा, जागरण संवाददाता : चूंकि भगवत गीता भगवान के मुख से निकली है अत: अब किसी को अन्य वैदिक साहित्य

By Edited By: Published: Tue, 30 Sep 2014 01:02 AM (IST)Updated: Tue, 30 Sep 2014 01:02 AM (IST)
ध्यानपूर्वक करें भगवद् गीता श्रवण-पाठ

इटावा, जागरण संवाददाता : चूंकि भगवत गीता भगवान के मुख से निकली है अत: अब किसी को अन्य वैदिक साहित्य को पढ़ने की आवश्यकता नहीं रहती उसे केवल भगवत गीता का ध्यानपूर्वक श्रवण व पाठन करना चाहिए। यह बात इस्कॉन प्रचार केंद्र के अपरिमेय श्याम दास ने कही।

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उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में लोग संसार कार्यो में इतने व्यस्त हैं कि उनके लिए समस्त वैदिक साहित्य का अध्ययन कर पाना संभव नहीं है और इसकी आवश्यकता भी नहीं है। केवल एक पुस्तक भगवत गीता ही पर्याप्त है। यह समस्त वैदिक ग्रंथों का सार है और इसका प्रवचन भगवान ने किया है। वेद शास्त्रों के मूल सिद्धांत भगवत गीता के अंदर है। उन्होंने कहा कि कम से कम भगवत गीता के एक श्लोक का तो मनोयोग से प्रत्येक व्यक्ति को अध्ययन करना चाहिए। इस अवसर पर विनय प्रभु, प्रमेंद्र प्रभु, सोमेश प्रभु, रामू प्रभु, संदीप प्रभु आदि लोग उपस्थित थे।


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