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मुफ्त ड्रेस वितरण में कमाई का 'खेल'

औरैया, जागरण संवाददाता : आठवीं तक के बच्चों को मुफ्त ड्रेस वितरण में कमाई का खेल शुरू हो गया है। इसक

By Edited By: Published: Tue, 30 Sep 2014 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 30 Sep 2014 01:01 AM (IST)
मुफ्त ड्रेस वितरण में कमाई का 'खेल'

औरैया, जागरण संवाददाता : आठवीं तक के बच्चों को मुफ्त ड्रेस वितरण में कमाई का खेल शुरू हो गया है। इसके लिए नियम कायदे भी ताक पर रख दिए गए हैं। जिन पर निगरानी करने की जिम्मेदारी है वह भी इस कमाई में भागीदार बने हैं। स्कूलों में मनाही के बावजूद रेडीमेड ड्रेसों की खरीदारी शुरू हो गई है। रेडीमेड ड्रेसों की आपूर्ति करने वाले भी विभाग से जुड़े हैं।

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आठवीं तक के बच्चों को मुफ्त ड्रेस दिए जाने की व्यवस्था है। सभी वर्ग की बालिकाओं, अनुसूचित वर्ग व बीपीएल परिवारों से जुड़े बालकों को सर्वशिक्षा अभियान तथा गैर बीपीएल परिवारों के बच्चों को बेसिक शिक्षा परिषद के माध्यम से ड्रेस दी जाती है। हर साल हर बच्चे को दो ड्रेस दिए जाने का प्रावधान है। प्रत्येक ड्रेस के लिए 200 रुपए का बजट निर्धारित है। फिलहाल यहां 75 फीसद धनराशि स्कूलों को दी जा रही है। शेष 25 प्रतिशत धनराशि का भुगतान ड्रेस की गुणवत्ता की परख के बाद किया जाएगा। कुल 1.27 लाख बच्चे लाभार्थी के रूप में चिह्नित किए गए हैं जिनके लिए फिलहाल 3.82 करोड़ का बजट आया है। परिषदीय विद्यालयों में तकरीबन 80 हजार बच्चों के लिए पैसा भेजा भी जा चुका है। 15 अक्टूबर से पहले ड्रेस वितरित करा दिए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। नियम यह है कि विद्यालय प्रबंध समिति की देखरेख में बच्चों की स्थानीय टेलर से नाप कराई जाए और कपड़े की खरीदारी कर टेलर से ही सिलाकर वितरण सुनिश्चित किया जाए। शासनादेश में यह भी कहा गया कि संबंधित क्षेत्र में यदि कोई महिला समूह सिलाई के कार्य में लगा है तो टेलर से पहले उसे वरीयता दी जाए। किसी भी स्थिति में रेडीमेड ड्रेस का वितरण न कराया जाए, लेकिन यहां कई परिषदीय विद्यालयों ने रेडीमेड ड्रेस खरीदनी शुरू कर दी है। स्कूलों में रेडीमेड ड्रेस की जो लोग आपूर्ति कर रहे हैं वह भी या तो विभाग से जुड़े हैं या फिर सत्ता पक्ष से जुड़े हैं। आपूर्तिकर्ता 130 से 140 रुपए में एक ड्रेस उपलब्ध करा देते हैं। इसमें जो साठ या सत्तर रुपए बचता है उसका बंदरबांट आपस में हो जाता है। पिछले साल भी यही खेल हुआ था तब जांच भी कराई गई थी, लेकिन जांच का नतीजा आज तक नहीं आया। सर्वशिक्षा अभियान के जिला समन्वयक नरेन्द्र कुमार द्विवेदी ने बताया कि सभी नियम कायदे पहले ही बताए जा चुके हैं।

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रेडीमेड ड्रेस बंटी तो होगी कार्रवाई

औरैया : जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने कहा कि शासनादेश में जो व्यवस्था दी गई है उसी के अनुरूप ड्रेस तैयार कर वितरित कराई जानी है। यदि कहीं भी रेडीमेड ड्रेस का वितरण कराया गया तो जो भी जिम्मेदार होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारियों की जिम्मेदारी तो पहले से ही निर्धारित है, पर्यवेक्षण के लिए प्रशासनिक अधिकारी भी लगाए जाएंगे।


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