कागजों पर शौचालय,धरातल पर गंदगी
चकरनगर संवादसूत्र: पिछडे़ ब्लाक चकरनगर की कुछ ग्राम पंचायतों को छोड़कर अन्य सभी ग्राम पंचायतों के शौचालय कागजों पर संचालित हैं। यहा तक कि ब्लाक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत चकरनगर में आज तक शौचालय अधूरे पड़े हैं। इनके खुदे पड़े कच्चे टैंकों में कभी गाय फंस जातीं है तो कभी अन्य जानवर जिससे ग्रामीणों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से जांचकर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की माग की है।
केंद्र या फिर प्रदेश सरकार भले ही शौचालयों को बनाये जाने पर जोर दे रही हो किन्तु ब्लाक चकरनगर में आपको सबसे अधिक घोटाला शौचालयों के मामले में ही देखने को मिलेगा। इस ब्लाक की कुछ ग्राम पंचायतों को छोड़कर सभी ग्राम पंचायतों के खातों से वर्षो पहले धन निकाला जा चुका है लेकिन जमीन पर देखा जाय तो आपको सिर्फ 10 से 20 प्रतिशत शौचालय ही संचालित मिलेंगे। इस बात का ताजा उदाहरण उस समय देखने को मिला जब ब्लाक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत चकरनगर के मजरा नगला चौप निवासी शिव सिंह यादव की एक 50 हजार रुपये कीमत की गाय शौचालय के गढ्डे में गिर गयी और उपरोक्त युवक गाय को गाव की गली-गली में ढूंढता रहा। दूसरे दिन गाय के द्वारा आवाज देने पर जानकारी बताते चलें कि शौचालय के टैंक उक्त गाव में पक्के नही बल्कि नमूना के तौर पर कच्चे गड्ढे खोदकर छोड़ दिये गये हैं। जिसमें आये दिन कोई न कोई जानवर गिर जाता है। यह कोई एक गाव की व्यवस्था नही है बल्कि चकरनगर की समूची ग्राम पंचायत का यही हाल है। इसके उपरान्त ब्लाक की सहसों, कोला, गढैया तथा पसिया जैसी ग्राम पंचायतों में तो आज तक शौचालयों का अता पता ही नही है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी नितिन बंसल से उपरोक्त शौचालयों के मामले में जांचकर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की माग की है।
-सचिव के द्वारा धन न निकालने से शौचालय अधूरे पड़े हैं।-कपूरी देवी, ग्राम प्रधान चकरनगर।