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वीआईपी जिले में 6 से 8 घंटे का ब्लैक आउट

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 01:20 AM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 01:20 AM (IST)
वीआईपी जिले में 6 से 8 घंटे का ब्लैक आउट

इटावा, जागरण संवाददाता : बीते दो दिनों से शहर में 6 से 8 घंटे व देहात में 12 घंटे की इमरजेंसी रोस्टिंग के नाम पर विद्युत कटौती की जा रही है। यह तब है जब जनपद को विद्युत आपूर्ति में वीआईपी का दर्जा मिला हुआ है और 24 घंटे विद्युत आपूर्ति के आदेश हैं। अधिकारी ऊपर से बिजली की कमी का रोना रो रहे हैं।

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हैरत की बात तो यह है कि बुधवार-गुरुवार को रात व दिन में जिस तरह से बिजली कटौती का सामना करना पड़ा उससे लोग उमस भरी गर्मी में परेशान हो गये। हालत यह हो गयी कि शहर में नगर पालिका की पेयजल व्यवस्था ही लड़खड़ा गयी, परिणाम स्वरुप लोगों को भीषण उमस में पानी के लिए दरबदर भटकना पड़ा। गौरतलब वात है कि प्रदेश में सपा की सरकार बनने के बाद वीवीआईपी का दर्जा मिल गया था, इसी के साथ जिले को 24 घंटे निर्वाध विद्युत आपूर्ति शुरु हो गयी थी। प्रदेश में बिजली की भले ही कमी रही हों लेकिन इटावा को बिजली कटौती का सामना नही करना पड़ा। लेकिन लोक सभा चुनाव के बाद जिले को वीआईपी का दर्जा बरकरार रहने की बात भले ही कही जा रही हो, लेकिन बिजली कटौती शुरु करा दी गयी।

बिजली कटौती की हद तो उस समय हो गयी जब गुरुवार 21 अगस्त की रात तीन घंटे की रोस्टिंग की गयी तथा पुन: सुबह साढ़े 5 बजे से साढ़े 7 बजे तक फिर बिजली काट दी गयी। आश्चर्य तो तब हुआ कि दो घंटे भी बिजली नही चल पाई थी कि 11 से 1 बजे तक फिर कटौती कर लोगों को भीषण उमस में पसीना बहाने के लिए छोड़ दिया गया। यह हाल तो शहर का रहा, जबकि ग्रामीण इलाकों की स्थिति तो और अधिक खराब रही, ग्रामीण इलाकों के लोगों की अगर वात माने तो इस समय 6 से 8 घंटे ही वमुश्किल बिजली मिल रही है। बिजली की अंधाधुध कटौती से जनता हलकान है।

बुधवार को दिन में चार घंटे घोषित कटौती और 2 घंटे अघोषित कटौती ने शहर के वाशिंदों की भावनाओं को ही झकझौर दिया। बिजली काट देने से लोग पानी भी नही भर सके, नगर पालिका की टंकी नही भर पाने के कारण पेयजलापूर्ति बाधित हो गयी। इससे लोगों को पानी की बूंद-बूंद के लिए भटकना पड़ा।

इसके साथ ही जिले के बकेवर, महेवा, अहेरीपुर, चकरनगर, ऊसराहार सहित अन्य कस्बों में 6 से 8 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। बिजली कटौती के कारण व्यापारिक प्रतिष्ठान बेरौनक हो गये है। कस्बों में लोग पेयजल को लेकर परेशान है। हालत यह हो गयी है कि आटा चक्की भी बंद पड़ी हुई है।

जिले को बिजली कटौती से मुक्त तो किया गया है लेकिन इस समय विद्युत उत्पादन कम होने तथा मांग अधिक होने के कारण आपात कटौती करने के निर्देश कंट्रोल से दिए जा रहे है। ग्रिड बचाने के लिए यह जरुरी हो गया है।-अश्रि्वनी गुप्ता,अवर अभियंता ट्रांसमिशन।


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