मिडडे मील तैयार होने से पूर्व तीन बार नमूनों की होगी जंाच
इटावा, जागरण संवाददाता : मध्याह्न भोजन योजना के पारदर्शिता से क्रियान्वयन न होने तथा घटिया खाद्य सामग्री के चलते बच्चों के बीमार होने की घटनाओं को आयुक्त कानपुर मंडल ने गंभीरता से लिया है। जांच के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की समिति बनाने तथा गुणवत्ता की तीन बार नमूना भरकर जांच करने के निर्देश दिए गये है।
खाद्य सामग्री की गुणवत्ता जांचने के लिए भारतीय खाद्य निगम स्तर पर नमूने संग्रहीत किए जायेगे। इसके लिए 5 अधिकारी नामित किए गये है जिला खाद्य विपणन अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी व क्षेत्रीय प्रबंधक भारतीय खाद्य निगम को नामित किया गया है। योजना के तहत भारतीय खाद्य निगम के गोदामों पर अच्छी गुणवत्ता के चट्टों का चिन्हांकन क्षेत्रीय प्रबंधक भारतीय खाद्य निगम के द्वारा किया जायेगा। गठित की गयी समिति आनाज के तीन-तीन सैंपल निकालकर उन्हें सील करेगे, उक्त नमूनों को जिलाधिकारी कार्यालय व जिला खाद्य विपणन अधिकारी कार्यालय एवं भारतीय खाद्य निगम के संबधित गोदाम पर कम से कम तीन माह तक सुरक्षित रखें जायेंगे। अगर खाद्यान्न का मानक सही नही है उस स्थिति में समिति द्वारा भारती खाद्य निगम के अधिकारी को अवगत कराया जायेगा। गौरतलब बात है कि भारतीय खाद्य निगम से खाद्यान्न उठान करके जब हॉट केंद्रों पर गोदाम में संग्रहीत किया जायेगा उस समय खाद्यान्न की गुणवत्ता की जांच संबधित उपजिलाधिकारियों द्वारा की जायेगी, प्रथम स्तर पर खाद्यान्न की आमद का सत्यापन दो राजपत्रित अधिकारियों के द्वारा किया जायेगा। यह जिम्मेदारी उपजिलाधिकारी भरथना, ताखा के साथ महेवा में तहसीलदार भरथना, चकरनगर में एसडीएम चकरनगर, जसवंतनगर, सैफई व बसरेहर में संबधित एसडीएम व बढ़पुरा पक्का तालाब के लिए जिला पूर्ति अधिकारी को सत्यापन का दायित्व दिया गया है।
मिड-डे मील के खाद्यान्न की जांच का दायित्व तय कर दिया गया है। आयुक्त कानपुर मंडल के निर्देश का पालन किया जायेगा।-नादिर अली,खाद्य सुरक्षा अधिकारी।