'पुलिस चाहती तो बचा सकती थी बेटे को'
भरथना, संवादसूत्र : पुलिस चाहती तो उसके बेटे की अपहर्ता हत्या नहीं कर पाते। उसे बचाया जा सकता था। यह दुख व्यक्त करते हुये किसान रामपाल के बुजुर्ग पिता बाबूराम ने बताया कि पुलिस तत्काल रिपोर्ट दर्ज करके उसके बेटे की थोड़ी भी खोजबीन करती तो उसके बेटे को जिंदा बचाया जा सकता था। उन्होंने बताया कि अपहरणकर्ता अगर दूर के होते तो उसके बेटे का शव गांव के पास नहीं मिलता। अब उसे अपने छोटे बेटे की चिंता हो रही है। रामपाल शाक्य की मांग रामवती का रो-रोकर बुरा हाल था। हालांकि इस मामले में दैनिक जागरण ने 25 जुलाई के अंक में अगवा किसान की घटना को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बावजूद भी पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया था और वादी की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी थी। अपहरणकर्ताओं ने रामपाल की हत्या कर शव को फेंक दिया। रामपाल अपने परिवार में इकलौता कमाऊ व्यक्ति था। परिवार में चार बहनों में तीन बहनों की शादी व स्वयं की शादी उसने की थी। उसका छोटा भाई शिशुपाल व छोटी बहन मुनीषा अविवाहित है। रामपाल का विवाह चार वर्ष पूर्व हुआ था।