त्यौहार में नकली माल खपाने की तैयारी
इटावा, जागरण संवाददाता : त्यौहार के मौके पर मिलावटखोरों की चांदी है। प्रशासन के ढुलमुल रवैया के चलते इस वार लोगों को शुद्ध सामान मिलना दूभर नजर आ रहा है। मसाले से लेकर दाल तक और तेल से लेकर रिफाइंड तक मिलावट की भेंट चढ़ रहा है। खोया हो या वेसन हर चीज में मिलावट देखी जा रही है। ऐसे में रही वात कार्रवाई की तो विभाग बड़ी मछली की जगह गली मोहल्लों में धमाचौकड़ी मचा कर नमूने भरने की खाना पूर्ति कर लेते है। जानकारी के मुताबिक देशी घी में रिफाइंड आदि मिलाने की वात काफी पुरानी हों गयी है। अब सरसों का तेल भी मिलावट से अछूता नही है। सरसों के तेल में मिलावट खोरों द्वारा रेपसीड जो तेल से काफी सस्ता पड़ता है और हानिकारक भी है। धड़ल्ले से मिला कर बाजार में बेंचा जा रहा है। मिलावट का काम बड़े स्तर पर ऑयल मिलों में किया जाता है।
अब तो पिसे मसाले भी शुद्ध नही हैं
धनियां, मिर्च, हल्दी हो या खटाई गरम मसाला सभी में हानिकारक वस्तुएं मिलाकर बाजार में बेंची जा रही हैं। अरहर व चने की दाल में प्रतिबंधित खेसारी, सोयाबीन व चटरी की दाल मिला कर लोगों को खिलाई जा रही है। खेसारी दाल को तो पहले ही स्वास्थ्य के लिए हानि कारक बताया जा चुका है तथा प्रतिबंधित भी है। बाबजूद इसके मिलावटखोरों को मुनाफा से मतलब है। किसी के स्वास्थ्य से उन्हें कोई लेना देना नही है।
किसमें क्या मिला है
पिसी हल्दी - पिसी चावल की कनकी व हल्दी पाउडर
धनियां --- गेंहू के आटे की भूसी
मिर्च - गेरु, हिरमिची व लाल रंग
तेल सरसों - रेपसीड़
दाल चना अरहर - खेसारी की दाल सोयाबीन व चटरी
खोया - आलू अरवी रिफाइंड वेसन गेंहू व मक्के का आटा
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डीएम के निर्देश पर छापामार कर मिलावट की संभावना वाले खाद्य पदार्थो के नमूने संग्रहीत किए जा रहे हैं। अब अभियान को गति प्रदान की जाएगी-नादिर अली, मुख्य खाद्य अधिकारी।