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भगवा पालिका पर मनमानी की कालिख

जागरण संवाददाता, कासगंज: सीएम योगी की मुहिम के बाद पुलिस महकमा तक थाने और चौकियों को चमकाने में जुट

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 10:37 PM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 10:37 PM (IST)
भगवा पालिका पर मनमानी की कालिख
भगवा पालिका पर मनमानी की कालिख

जागरण संवाददाता, कासगंज: सीएम योगी की मुहिम के बाद पुलिस महकमा तक थाने और चौकियों को चमकाने में जुट गया है। वहीं भाजपा सत्तारूढ़ कासगंज नगर पालिका परिषद में मनमानी का साम्राज्य कायम है। शासन से आई सवा करोड़ रुपये की धनराशि में 33 लाख रुपये के सफाई उपकरण खरीदे गए, लेकिन अधिकांश उपकरण पालिका परिसर में ही कबाड़ हो रहे हैं। जबकि शहर में गंदगी और कूड़े का साम्राज्य बना हुआ है।

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जिले के प्रमुख निकायों में शुमार नगर पालिका परिषद के चेयरमैन पद पर भाजपा के रूपकिशोर कुशवाहा काबिज हैं। शहरी निकाय होने के कारण तेरहवें वित्त आयोग के तहत कासगंज नगर पालिका को वर्ष 2015-16 में 1.31 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित हुई थी। जो उस वित्तीय वर्ष मनमानी और अनदेखी के कारण पालिका खाते में ही पड़ी रही। इस वित्तीय वर्ष में नाला और सड़क निर्माण के साथ जल कल तथा सफाई उपकरणों की खरीद की गई। जिसमें करीब 33 लाख रुपये की धनराशि अकेले सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए उपकरण खरीदने पर खर्च किए गए। नगर पालिका ने शहर में प्रमुख स्थानों पर रखने के लिए लोहे के विशाल कंटेनर खरीदे तो सफाईकर्मियों के लिए हथठेले भी खरीदे। जिससे सफाईकर्मी गली-मुहल्लों से कूड़ा एकत्रित कर इन कंटेनरों तक पहुंचा सकें। कंटेनरों से कूड़ा उठाकर शहर से दूर फेंकने के लिए लोडर भी खरीदे गए। अब हालात यह हैं कि खरीदने के बाद से ही कंटेनर और हथठेले पालिका परिसर में कबाड़ हो रहे हैं। खुले में पड़े होने के कारण अधिकांश कंटेनर और हथठेले जंग लगने से जर्जर हाल में पहुंच गए हैं। जबकि शहर में कहीं भी कंटेनर दिखाई नहीं देते। इस कारण प्रमुख स्थानों सड़कों पर प्रतिदिन कूड़े के बड़े बड़े ढेर लगे देखे जा सकते हैं। सफाई कर्मचारियों को भी यहां से सड़क पर पड़े कूड़े को उठाने में मुश्किल होती है लेकिन चेयरमैन और निर्वाचित सभासद कभी कबाड़ हो रहे सफाई उपकरणों के उपयोग को लेकर गंभीर नहीं हुए।

भूल गए बोर्ड बैठक और बजट

नगर पालिका बोर्ड की आखिरी बैठक सितंबर माह में हुई थी उसके बाद छह माह से अधिक समय बीतने को है लेकिन बोर्ड बैठक नहीं बुलाई गई। जबकि नियमानुसार हर तीन माह बाद बोर्ड बैठक होनी चाहिए। पालिका के 30 सदस्यीय बोर्ड में 25 निर्वाचित सभासद हैं तो पांच नामित सदस्य हैं। इसके अलावा भाजपा सांसद राजवीर ¨सह राजू भइया और कासगंज के निवर्तमान विधायक मानपाल ¨सह मनोनीत सदस्य हैं। मानपाल ¨सह सपा सरकार में परिवहन राज्य मंत्री भी रहे लेकिन उन्होंने भी नगर पालिका की तरफ ध्यान नहीं दिया। यही वजह है कि इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति में महज पांच दिन बाकी हैं लेकिन अब तक वर्ष 2016-2017 के बजट का मसौदा तक तैयार नहीं हो सका है।

--ठेकेदारी ने चुप किए सभासद

तीस सदस्यीय नगर पालिका बोर्ड में से करीब आधे सभासद परोक्ष और अपरोक्ष रूप से ठेकेदारी में जुटे हुए हैं। जिन वार्डों में महिला सभासद हैं तो वहां उनके पति ठेकेदारी में लगे हैं।

अधिकांश सभासद अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए पालिका की मनमानी का हिस्सा बनकर जन समस्याओं पर चुप्पी साधे हुए हैं।

चेयरमैन की सुनिए

जो कंटेनर और उपकरण खरीदे गए थे। नगर पालिका जरूरत के हिसाब से उपयोग कर रही है। शहर की सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए हर दिन निरीक्षण जारी है। कमियां मिलने पर सफाई कर्मियों को सख्त हिदायत भी दी जा रही है।

रूपकिशोर कुशवाहा, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद


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