बूचड़खाने छोड़ो, मीट की दुकानें भी अवैध
नगर पालिका ने डीएम-एसपी को भेजी रिपोर्ट जिले में बगैर लाइसेंस संचालित हो रहीं दुकानें जागरण संव
नगर पालिका ने डीएम-एसपी को भेजी रिपोर्ट
जिले में बगैर लाइसेंस संचालित हो रहीं दुकानें
जागरण संवाददाता, कासगंज: जिले में दर्जनों बूचड़खाने ही नहीं, बल्कि मीट की सैकड़ों दुकानें भी अवैध रूप से संचालित हैं। इन पर न तो पशु काटने का लाइसेंस है न ही मीट बेचने का। नगर पालिका ने इस संबंध में डीएम-एसपी को रिपोर्ट भेजकर अवगत करा दिया है।
योगी आदित्यनाथ द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही अवैध बूचड़खानों और पशुओं के कटान तथा मीट की दुकानों को लेकर सख्त रुख अपनाया गया है। उसके बाद दैनिक जागरण के खुलासे के बाद पुलिस-प्रशासन ने अवैध रूप से संचालित बूचड़खानों को तो बंद करा दिया है लेकिन मीट की दुकानों को लेकर कार्रवाई शुरू नहीं हुई है। जबकि नियमानुसार छोटे पशु बकरे, मुर्गे का वध करने तथा उनका मीट बेचने के लिए भी खाद्य और औषधि प्रशासन अनुभाग से लाइसेंस अनिवार्य है, जबकि जिले में किसी भी मीट कारोबारी ने पशु काटने और मीट बेचने का लाइसेंस नहीं लिया है। अकेले शहर में ही मीट और मुर्गे की सौ से अधिक दुकानें संचालित हैं।
कस्बे और देहात को शामिल करें तो यह आंकड़ा 200 पार कर जाएगा। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी डीके राय ने बताया कि उनके यहां काफी समय पहले दो-तीन लोगों दुकान का पंजीयन कराया था लेकिन किसी ने अब तक लाइससेंस नहीं लिया है। इस संबंध में नगर पालिका कासगंज के अधिशासी अधिकारी आरके प्रसाद ने डीएम-एसपी को रिपोर्ट भेजकर अवगत करा दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक दुकानों को लाइसेंस देने और मीट के नमूने लेने की जिम्मेदारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन की है। लिहाजा मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी के जरिए निरीक्षण कराके अवैध रूप से संचालित दुकानों की सूची तैयार करायी जाए।
मुर्गे काटते दो दबोचे
कासगंज: कोतवाली अंतर्गत नदरई गेट चौकी इंचार्ज विक्रांत ने शनिवार सुबह अवैध रूप से मुर्गे काटते दो युवकों को दबोच लिया। ये युवक बगैर लाइसेंस मुर्गे काट रहे थे। दोनों युवकों को हिरासत में लेकर कार्रवाई की जा रही है।
डीएम ने बनाई समिति, 27 को बैठक
कासगंज: अवैध पशु वधशालाओं को बंद कराने के लिए शासनादेश के अनुसार डीएम के विजयेंद्र पांडियान की अध्यक्षता में समिति गठित कर दी गई है। समिति की बैठक 27 मार्च को दोपहर एक बजे कलक्ट्रेट में होगी। समिति में पुलिस अधीक्षक, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अलीगढ़, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, एआरटीओ, श्रम प्रवर्तन अधिकारी, डीपीआरओ, सीएमओ, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी तथा सभी निकायों के अधिशासी अधिकारी शामिल रहेंगे।