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बाल संरक्षण आयोग से शिकायतों की झड़ी

जागरण संवाददाता, एटा: गुरुवार को हुए भीषण हादसे के बाद हालात का जायजा लेने व बाल अधिकारों के हनन की

By Edited By: Published: Fri, 20 Jan 2017 11:43 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jan 2017 11:43 PM (IST)
बाल संरक्षण आयोग से शिकायतों की झड़ी
बाल संरक्षण आयोग से शिकायतों की झड़ी

जागरण संवाददाता, एटा: गुरुवार को हुए भीषण हादसे के बाद हालात का जायजा लेने व बाल अधिकारों के हनन की शिकायतों की जांच के लिए बाल संरक्षण आयोग की सदस्य शुक्रवार को अलीगंज पहुंची। आयोग ने अवकाश के बाद भी विद्यालय खुले होने का मामला गंभीरता से लिया है। इस मामले में किस-किसकी लापरवाही रही, इसकी जांच आयोग को भी सौंपी गई है।

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शुक्रवार को आयोग की सदस्य ज्योति ¨सह अलीगंज पहुंचीं और उन्होंने सबसे घटना स्थल का दौरा किया। वहां मौजूद लोगों से पूछताछ की और स्थानीय शिक्षा विभाग के अफसरों की भूमिका के बारे में जानकारियां जुटाईं। घटनास्थल पर मौजूद लोगों से घटना के बारे में जानकारी ली। विधायक रामेश्वर ¨सह यादव भी उनके साथ थे। ग्रामीणों ने आयोग की सदस्य से कहा कि अवकाश के बावजूद भी स्कूल खुला हुआ था। अधिकांश स्कूल इसी तरह की मनमानी करते हैं और अवकाश घोषित होने के बाद भी विद्यालय खोले रहते हैं। आयोग की सदस्य ने बताया कि वे पूरे मामले की रिपोर्ट जाकर मुख्यमंत्री को सौंपेंगी। इसके बाद बच्चों के परिवार के लिए क्या किया जा सकता है, इस बारे में भी निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनसे कुछ ग्रामीणों ने शिकायत की है कि कई स्कूल बसें बिना परमिट के चल रही हैं। प्रशासन की इनके पास अनुमति भी नहीं है, फिर भी बच्चे उनसे ढोए जा रहे हैं। इन शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है तथा संबंधित की जांच भी होगी।

इसके बाद आयोग की सदस्य गांव केला पहुंचीं, जहां उन्होंने मृतक सन्नी के परिजनों से मुलाकात की। इस गांव में सनी के घर पर मातम पसरा हुआ था। आयोग की सदस्य कुछ देर के लिए अलीगंज के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचीं, जहां घायल बच्चों के परिजन और बच्चे नहीं मिले, मगर स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि हादसे के बाद बच्चों के इलाज में लापरवाही बरती गई है। अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी उचित देखभाल नहीं कर रहे थे।

सनी की बेहोश बहन को कराया भर्ती

गांव कैला के मृतक सनी की बहन शिवानी की हालत तभी से खराब है जब से उसने अपने इकलौते भाई की मौत के बारे में सुना है। 28 घंटे तक जब उसे होश नहीं आया, तो गांव पहुंचीं आयोग की सदस्य ने अपने साथ चल रहे अधिकारियों से कहा कि शिवानी को तत्काल अस्पताल ले जाया जाए। अंतत: उन्होंने शिवानी को अपनी गाड़ी में ले लिया और अलीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया। सदस्य ने इस बात पर नाराजगी भी जताई कि मृतक परिवारों का क्या हाल है, इस बारे में पता करने की जिम्मेदारी स्थानीय अधिकारियों की है। 28 घंटे से जो लड़की बेहोश है, उसके इलाज के बारे में पहले ही क्यों नहीं सोचा गया।


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