जिले में बिना मान्यता के चल रहे दर्जनों स्कू ल
जागरण संवाददाता, कासगंज: एटा में हुए हादसे के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग आंखें बंद किए बैठा है। विभाग
जागरण संवाददाता, कासगंज: एटा में हुए हादसे के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग आंखें बंद किए बैठा है। विभाग ने विद्यालयों का मानक परखने की तैयारी नहीं की है। जिले में दर्जनों स्कूल बिना मान्यता के संचालित हैं ।
बेसिक शिक्षा विभाग से कासगंज जिले में प्राथमिक के 470 एवं उच्च प्राथमिक के लगभग 46 विद्यालय पंजीकृत हैं। जबकि इसके इतर 100 से अधिक स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं। हर गली में स्कूल संचालक अपनी दुकानें सजाए बैठे हैं लेकिन उन्हें नौनिहालों की जान की कोई ¨चता नहीं है। आंगन की किलकारियों को अनदेखी का खतरा बना हुआ है। विभाग ने कभी यह जानने की कोशिश नहीं की है कि जो स्कूल मान्यता प्राप्त हैं उनमें क्या छात्र संख्या है। साथ ही इन स्कूलों में जो वाहन हैं वह किस किस क्षेत्र में जाते हैं और बच्चों को लाने ले जाने की क्या व्यवस्था की गई है। विभाग वाहनों के लिए एआरटीओ कार्यालय को जिम्मेदार मानता है। जबकि सही मायने में मुख्य जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारी एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी की होती है।
इन क्षेत्रों में संचालित हैं स्कूल
बिना मान्यता के कासगंज जिले में दर्जनों स्कूल तराई क्ष्ेात्र में संचालित हैं। सिढ़पुरा ब्लॉक में तमाम स्कूल बिना मान्यता के धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं जबकि कासगंज, सोरों के ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा शहरी क्षेत्रों में भी स्कूलों की बाढ़ सी लगी हुई है। विभाग को गंभीर कदम उठाने की जरूरत है।
तब हुई थी कार्रवाई
तत्कालीन डीएम मासूम अली सरवर को वर्ष 2014 में गैर मान्यता के स्कूल संचालित होने की शिकायत मिली। उस समय उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिए थे। तब तत्कालीन बीएसए दीवान ¨सह ने विशेष अभियान भी चलाया जिसमें आधा दर्जन से अधिक स्कूल बिना मान्यता के संचालित पाए गए थे। उनके विरुद्ध विभाग ने कार्रवाई की थी तब उन स्कूल संचालकों ने मान्यता कराई थी।
कराई जाएगी जांच
डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि अभियान चलाया जाएगा और यदि ऐसा कोई मामला संज्ञान में आता है कि बिना मान्यता के स्कूल संचालित हैं या फिर मान्यता प्राप्त स्कूलों में मानक ताक पर हैं तो उन स्कूलों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।