सूचना के अधिकार का बन रहा मजाक
जागरण संवाददाता, सोरों: भ्रष्टाचार को दूर करने और सरकारी काम में पारदर्शिता लाने वाला सूचना के अधिका
जागरण संवाददाता, सोरों: भ्रष्टाचार को दूर करने और सरकारी काम में पारदर्शिता लाने वाला सूचना के अधिकार का कानून अब मजाक बनता जा रहा है। विभागीय अपीलों के बावजूद आवेदकों को सूचनाएं नहीं मिल पा रहीं है। ऐसा ही मामला कस्बा के मोहल्ला चौसठ निवासी अशोक कुमार पांडेय का प्रकाश में आया। जिन्हें राष्ट्रपति सचिवालय के निर्देश के बावजूद सूचनाएं नहीं मिल पा रहीं है।
आवेदक द्वारा न्यायपालिका के कार्य व्यवहार के बारे राष्ट्रपति सचिवालय से सूचनाएं मांगी थी। राष्ट्रपति सचिवालय ने आवेदक के आवेदन को गत 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को अग्रसारित कर दिया। इसके बावजूद प्रदेश सरकार से उन्हें कोई सूचनाएं प्राप्त नहीं हुई। जिस पर उन्होंने 15 अक्टूबर को राष्ट्रपति सचिवालय के अपीलीय अधिकारी के सामने अपील दायर करते हुए सूचनाएं दिलाने की याचना की। इस पर राष्ट्रपति सचिवालय ने 2 नवंबर को प्रदेश सरकार को निर्देश भेजा।
राष्ट्रपति सचिवालय के निर्देश के बावजूद अभी तक आवेदक को सूचना नहीं मिली है। आवेदक ने राष्ट्रपति को अर्जी भेजकर सूचनाएं न मिल पाने की जानकारी दी है।