Move to Jagran APP

अब रामई हेतमशाह का तालाब देगा शीतलता

जागरण संवाददाता, मिरहची (एटा) : यह वही रामई हेतमशाह है, जहां कोई तालाब न होने से हर ओर सूखा ही सूखा

By Edited By: Published: Sat, 28 May 2016 10:33 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2016 10:33 PM (IST)
अब रामई हेतमशाह का तालाब देगा शीतलता

जागरण संवाददाता, मिरहची (एटा) : यह वही रामई हेतमशाह है, जहां कोई तालाब न होने से हर ओर सूखा ही सूखा नजर आता था। अब इस गांव का भी नक्शा बदलेगा और इसमें पानी की शीतलता नजर आएगी। जागरण की पहल पर यहां नया तालाब खोदा जा रहा है। खास बात यह है कि मनरेगा के तहत बनवाए जा रहे तालाब में श्रमदान के लिए तमाम गांववासी निस्वार्थ रूप से श्रमदान कर रहे हैं।

loksabha election banner

मारहरा विकासखंड की ग्राम पंचायत रामई हेतमशाह में चार मजरे हैं। इनमें से महज एक गांव फालर में ही तालाब है। जबकि रामई हेतमशाह सहित तीन गांवों में तालाब की जरूरत बनी हुई है। कई बार गांव में तालाब बनवाने की मांग उठ चुकी थी। हालांकि कभी प्रस्ताव बनाने की जहमत नहीं की गई और कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इस बार नई ग्राम पंचायत समिति का गठन हुआ तो तालाब की जरूरत को अहम स्थान दिया गया है। प्रस्ताव बना और इसे स्वीकृति मिल गई। मनरेगा के तहत डेढ़ लाख रुपये की लागत से 1.5 बीघा जमीन पर काम शुरू करा दिया गया है। दस फीट की गहराई का तालाब खोदकर इसमें 1212 घनमीटर पानी संचयित करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रस्ताव के मुताबिक कच्चा तालाब बनाने के बाद इसके चारों और पौधे रोपित किए जाएंगे और बैंचें स्थापित कराकर सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। जागरण की मुहिम के असर और अभियान की प्रेरणा से लोगों में भी तालाब के निर्माण में योगदान की इच्छाएं पैदा हुईं और श्रमिकों के अतिरिक्त अन्य लोग भी तालाब श्रमदान में जुटे हुए हैं।

इनका क्या कहना

गांव में कोई भी तालाब न होना पूरे गांव के लिए अफसोस की बात थी। हमेशा ही लोग तालाब की चाहत रखते थे। सरकार की नजरे इनायत गांववालों के लिए बड़ी सौगात कही जा सकती है।

- साहब ¨सह

गांववासियों ने भी तालाब के लिए कम मेहनत नहीं की है। आखिर हो भी क्यों न, तालाब और इसके पानी का लाभ भी तो हम गांववासियों को ही मिलना है।

- नत्थू ¨सह

गांव में जल संचयन का कोई भी स्त्रोत न होने से भूजल स्तर लगातार गिर रहा था। उम्मीद है कि इस तालाब में वर्षा का जल संचयित होगा और जल स्तर की गिरावट रुकेगी।

- सतीश

सौगात के रूप में तालाब मिल तो गया है, अब इसके संरक्षण की जिम्मेदारी हम ही लोगों पर है। बरहाल पूरा ही गांव तालाब के उचित रखरखाव और बेहतर संरक्षण के लिए संकल्पित है।

- कमल ¨सह

प्रधान की बात

काफी समय से गांव में तालाब के लिए प्रयास किया जा रहा था, जो अब जाकर साकार हो पाया है। तालाब बनने से गांव के पशु-पक्षियों और किसानों को भी काफी सुविधा मिलेगी।

- मिथलेश यादव, ग्राम प्रधान

हर गांव में तालाब बनाने की कवायद

एटा: शासन के निर्देश पर प्रशासन तालाबों की माथापच्ची और कवायद में जुटा हुआ है। पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार और नवजीवन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं नए तालाबों के लिए भी कोशिशें जारी हैं। अपर जिलाधिकारी प्रशासन सतीश पाल ने बताया कि सभी पुराने तालाबों में बरसात से पहले खोदाई, सफाई आदि कार्य पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि शासन के निर्देश पर ऐसे गांवों में ग्राम समाज की खाली जमीन तलाशी जा रही है, जहां वर्तमान में कोई भी तालाब नहीं है। सरकार की मंशा है कि हर गांव में कम से कम एक तालाब आवश्यक रूप से हो। जिससे वर्षा जल संचयन और भूजल स्तर के संरक्षण में मदद मिल सकेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.