एफआइआर दर्ज न करना पड़ा एसओ को महंगा
जागरण संवाददाता, कासगंज: जमीनी रंजिश में मारपीट और फाय¨रग के मामले में प्राथमिकी दर्ज न करना पुलिस क
जागरण संवाददाता, कासगंज: जमीनी रंजिश में मारपीट और फाय¨रग के मामले में प्राथमिकी दर्ज न करना पुलिस को महंगा पड़ा। पीड़ित की फरियाद पर जांच उपरांत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने थाना सिकंदरपुर वैश्य के तत्कालीन एसओ को दंड स्वरूप 18 हजार रुपये पीड़ित को अदा करने की संस्तुति की है। साथ ही क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदेश सरकार को 25 हजार रुपये देने होंगे।
थाना सिकंदरपुर वैश्य के गांव नरदौली निवासी राम अवतार पुत्र झुनई लाल की पट्टे की भूमि को लेकर गांव के ही आर्येंद्र उर्फ साधू पाठक पुत्र देवकी नंदन से रंजिश चली आ रही थी। आरोप है कि इसी रंजिश में आर्येंद्र असलाहों सहित पांच अज्ञात लोगों ने राम अवतार के मकान पर फाय¨रग और धमकियां दीं। जिसकी सूचना रामअवतार ने तत्कालीन थानाध्यक्ष राकेश कुमार सहित पुलिस अधीक्षक और सीओ पटियाली को मोबाइल फोन से दी। इसके बावजूद भी पुलिस ने न एफआइआर लिखी और मौके पर भी नहीं पहुंची।
पीड़ित ने 29 अगस्त 2013 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से न्याय की गुहार लगाई। आयोग ने प्रकरण में अधिकारियों से आख्या तलब की। आख्या का गहनता से अवलोकन करते हुए आयोग ने एसओ राकेश कुमार को दोषी पाते हुए दंड स्वरूप 18 हजार रुपये की धनराशि शिकायतकर्ता को अदा करने की संस्तुति की। साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति के रूप में पीड़ित को 25 हजार रुपये देने को भी कहा है। दंड का अंकन एसओ की सर्विस बुक में भी करने के निर्देश दिए।