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फर्रूखाबाद से जुड़े हैं शिक्षा माफिया के तार

जागरण संवाददाता, कासगंज (एटा) : बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति कराने वाले माफियाओ

By Edited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 06:30 PM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 06:30 PM (IST)
फर्रूखाबाद से जुड़े हैं शिक्षा माफिया के तार

जागरण संवाददाता, कासगंज (एटा) : बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति कराने वाले माफियाओं के तार फर्रूखाबाद जिले से जुड़े हुए हैं। दो वर्षो में अलग-अलग हुई भर्ती में फर्जी पाए गए शिक्षक फर्रूखाबाद के हैं। इधर जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं।

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वर्ष 2010 में बेसिक शिक्षा विभाग में हुई आधा दर्जन शिक्षकों की नियुक्तियां विभाग के लिए सिरदर्द बनी हुई है। जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन ने फर्जी नियुक्ति प्रकरण में कासगंज की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गीता वर्मा को जांच के आदेश दिए हैं लेकिन यहां जांच में सक्रियता की जरूरत है क्योंकि वर्ष 2010 में शिक्षक जिन्होंने फर्जी ढंग से विभाग में नौकरी पा ली है। वे भी फर्रूखाबाद जिले के है और तीन शिक्षक एक ही गांव के हैं। इन शिक्षकों में मिथलेश कुमार पुत्र जौहरी लाल निवासी विनायक सदर जिला फर्रूखाबाद, नेहा ¨सह पुत्री हरिश्चंद्र गांव नगला धनू जिला फर्रूखाबाद की रहने वाली है। इसके अलावा सीमा ¨सह पुत्री सुरकेत ¨सह, अनिल कुमार वर्मा पुत्र रामप्रकाश वर्मा, जयवर्धन वर्मा पुत्र इंद्रदेव वर्मा निवासीगण गांव देवसनी जिला फर्रूखाबाद के रहने वाले हैं।

इसके अलावा वर्ष 2011 में हुई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में भी आधा दर्जन शिक्षक फर्जी पाए गए हैं। इधर जिलाधिकारी की सख्ती के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने जानकारी की तो पता चला कि इन जालसाजों के विरुद्ध जनपद एटा के थाना मलावन में मामला दर्ज हो चुका है। इन फर्जी शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी पाने के बाद डायट ने यह कार्रवाई की थी। लेकिन आज तक न तो इनके खिलाफ गिरफ्तारी के अभियान चले और न ही इनसे रिकवरी कराई गई।

यह है जांच का विषय

जब सितंबर 2010 में इन फर्जी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच होने पर प्रमाण पत्र फर्जी होने का खुलासा हो चुका था तो इससे पूर्व ही विभाग ने बिना सत्यापन के वेतन के आदेश कैसे किए और पांच माह का वेतन भी उन्हें दिला दिया।

होगी जांच और दोषियों पर कार्रवाई

जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन का कहना है कि मामले में जांच के निर्देश दिए जा चुके हैं। अब तक प्रकाश में आए जालसाजों पर मुकदमा दर्ज भी हो चुका है। विभागीय संलिप्तता की जांच भी होगी।


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