बंदूक का लाइसेंस रद कर राशन कार्ड दे दो
जागरण संवाददाता, कासगंज (एटा): साहब, ऐसी क्या शान है, जब पेट की आग ही नहीं बुझ रही। इसलिए मेरा शस्त्
जागरण संवाददाता, कासगंज (एटा): साहब, ऐसी क्या शान है, जब पेट की आग ही नहीं बुझ रही। इसलिए मेरा शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर बीपीएल कार्ड दे दो। यह शस्त्र लाइसेंस कार्ड में बाधा बन रहा है। यह दुखड़ा सोरों विकास खंड के ग्राम गुरहना के पूर्व प्रधान का है।
वर्ष 2006 में गुरहना ग्राम पंचायत में लोगों ने इश्तियाक अली को ग्राम प्रधान चुना था। प्रधान बनने के बाद इश्तियाक ने गांव के विकास पर जोर दिया। ग्रामीणों की उम्मीदों के अनुरूप विकास भी कराया। प्रधान बनने के पांच वर्ष बाद भी इश्तियाक की आर्थिक स्थिति दयनीय ही रही और वह अपनी झोपड़ी को मकान में नहीं बदल पाए। इश्तियाक के पास पुस्तैनी शस्त्र लाइसेंस है, इस लाइसेंस से उन्हें न तो कुछ नुकसान था और न ही फायदा। धीरे-धीरे इश्तियाक की बंदूक जंग खाने लगी, लेकिन अपनी पुरानी यादें मिटाने के लिए उन्होंने इस बंदूक को बेचा नहीं और न ही शस्त्र लाइसेंस निरस्त होने दिया। अब जब दो वक्त की रोटी के लाले पड़ रहे हैं तो उनकी बंदूक का लाइसेंस बाधक बन हुआ है। इश्तियाक सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से राशन आदि सामान लेने के लिए अपना बीपीएल राशन कार्ड बनवाना चाहता है, लेकिन शस्त्र लाइसेंस होने के कारण उसका राशन कार्ड नहीं बन पा रहा है। अब इश्तियाक अपना शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराने की गुहार लगा रहे हैं। इश्तियाक ने कासगंज में जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर लाइसेंस निरस्तीकरण की मांग उठाई है और कहा है कि लाइसेंस निरस्त कर उन्हें बीपीएल कार्ड दे दो, जिससे वह सस्ती दर पर मिलने वाला राशन लेकर परिवार का भरण पोषण कर सके।
अपर जिलाधिकारी बालमयंक मिश्र का कहना है कि अभी उनके संज्ञान में इस तरह का मामला नहीं है। यदि कोई उनसे मिलता है तो वह उसकी समस्या का समाधान करेंगे।
जमीन कम, परिवार बड़ा: इश्तियाक अली के पास मात्र पांच बीघा कृषि भूमि है। उनके परिवार में उनकी वृद्ध पत्नी के अलावा तीन बेटे और दो पुत्रियां भी हैं। ऐसे में इस जमीन से होने वाली पैदावार बड़े परिवार के लिए नाकाफी साबित हो रही है।