झूठा था सामूहिक दुष्कर्म का आरोप, महिला फंसी
जागरण संवाददाता, एटा: अपने पति, जेठ और ससुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वालों को सबक सिखाने के लिए उस
जागरण संवाददाता, एटा: अपने पति, जेठ और ससुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वालों को सबक सिखाने के लिए उसने अपने ऊपर सामूहिक दुष्कर्म का न सिर्फ संगीन आरोप लगाया, वहीं मामला पेशबंदी का मिलने पर उसे समाप्त करने पर अदालत में पुलिस की अंतिम आख्या को भी चुनौती दे डाली। जब मामला अदालत में पहुंचा तो जिरह में वह अपने आरोपों से ही मुकर गई। जिस पर अदालत ने आरोपियों को बरी करते हुए खुद शिकायतकर्ता महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
यह मामला जैथरा थाने के गांव कुलवरिया का है, जहां पर गांव निवासी रामचंद्र के बेटे राजकुमार, रघुवीर, ओमेंद्र पर गांव की विवाहिता ने घर में घुसकर तमंचे की नोंक पर बारी बारी से दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। अदालत में दी अर्जी में महिला ने बताया कि वह 17 अप्रेल 2010 को दोपहर 2 बजे घर पर अकेली थी तभी आरोपी उसके घर में घुस आए और वारदात को अंजाम देकर भाग गए। जिन्हें गांव के कालीचरन व टीटू ने भागते देखा। कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुए इस मामले में जब पुलिस ने जांच की तो पता चला की राजकुमार ने महिला के पति व ससुराजीजनों के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी। उसकी पेशबंदी में यह आरोप लगाए गए। जिस पर पुलिस ने कोर्ट में अंतिम आख्या भेज दी।
अदालत में महिला ने प्रोटेस्ट पिटीशन दायर करते हुए पुलिस की अंतिम आख्या को चुनौती दी। जिस पर एजीजेएम में यह मामला जिला जज की अदालत में भेज दिया। जब मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने वादिया से जिरह की तो उसने अपने द्वारा लगाए आरोपों से इन्कार किया। उसने बताया कि उसने जो भी अदालत में बयान दिए थे, वह उसने अपने परिवारीजनों के कहने पर दिए थे। जिस पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुभाष चंद्र ने आरोपियों को बरी करते हुए झूठी गवाही देने के मामले में महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।