स्कूलों में बच्चे और घरों पर अभिभावक रहे बेहाल
जागरण संवाददाता, एटा: एक ओर बच्चे परेशान थे तो दूसरी ओर उनके अभिभावक चिंतित थे। मंगलवार को शहर में म
जागरण संवाददाता, एटा: एक ओर बच्चे परेशान थे तो दूसरी ओर उनके अभिभावक चिंतित थे। मंगलवार को शहर में मचे उपद्रव के बाद सुरक्षा के लिहाज से निर्धारित समय पर स्कूलों की छुट्टी नहीं की गई। अभिभावक स्कूलों में फोन कर बच्चों की खबर लेते रहे। हालात पूरी तरह सामान्य होने पर शाम को बच्चों की छुंट्टी की गई।
फर्नीचर शोरूम में आग लगने के बाद दोपहर होते-होते शहर के हालात पूरी तरह बिगड़ चुके थे। जगह-जगह पथराव, आगजनी, फाय¨रग, जाम की स्थिति थी। इसी दौरान स्कूलों की छुट्टी का समय हो गया। ऐसे में स्कूलों के प्रबंधतंत्र ने संवेदनशीलता और समझदारी का परिचय दिया। बच्चों को स्कूल में ही रोककर स्थिति सामान्य होने का इंतजार किया जाने लगा। उधर, स्कूल की छुट्टी का समय और बिगड़ी स्थिति को देखते हुए घर, कार्यालय व प्रतिष्ठानों पर मौजूद अभिभावक चिंतित थे। रास्तों पर उपद्रव के चलते स्कूल पहुंचने में असमर्थ थे तो स्कूलों पर फोन कर जानकारी लेने लगे। जब बच्चों को स्कूल में ही रोके जाने की खबर मिली तो कहीं चिंता कम हुई। हालांकि, लंबे समय तक स्कूल में फंसे बच्चे भूख, थकान के चलते व्याकुल रहे। हालात सामान्य होने पर शाम 4 बजे से बच्चों को स्कूल वाहन, घरों के लिए रवाना किया गया।
जोखिम उठाकर बच्चों को लाए
आगजनी, पथराव और बवाल के बीच कुछ बच्चों के परिजनों ने जोखिम भी उठाया। वो छुट्टी के समय अपने दुपहिया वाहनों से स्कूल पहुंच गए। वहां भी स्कूल प्रबंधन की ओर से समझाया कि हालात सही नहीं है। मगर अभिभावक नहीं माने और बच्चों को लेकर घरों की ओर निकल पड़े। इस दौरान तमाम महिलाएं भी पैदल ही स्कूल पहुंचीं और बच्चों को साथ घर लेकर आई।