भाई की कलाई पर सजेगी सोने की राखी
जागरण संवाददाता, एटा: वैसे तो रक्षाबंधन पर रेशम का धागा ही काफी होता है, लेकिन बदलते दौर में राखियां
जागरण संवाददाता, एटा: वैसे तो रक्षाबंधन पर रेशम का धागा ही काफी होता है, लेकिन बदलते दौर में राखियां भी बदल गई हैं। अब बहनों को भाई की कलाई सजाने के लिए सोने और चांदी की राखियां भा रही हैं। राखियों को खरीदने के लिए सराफा व्यापारियों के यहां खासी भीड़ उमड़ रही है।
त्योहार को भुनाने के लिए सराफा व्यापारियों ने भी कई तैयारियां की हैं। पांच ग्राम में तैयार की गई सोने की राखी की कीमत 15 हजार रुपये के आसपास है। इसे खरीदने को बहनें सराफा व्यापारियों के यहां पहुंच रही हैं। इसके अलावा बाजार में 100 रुपये से 500 रुपये की कीमत में चांदी की राखियां बिक रही हैं। हालांकि इन राखियों को मध्यमवर्गीय तबका ही ज्यादा पसंद करता है। फिर भी विक्रेता दुकान तक पहुंचने वाली महिलाओं को यह राखियां दिखाकर आकर्षित करना नहीं भूलते।
सराफा व्यापारी अनिल जैन बताते हैं कि रक्षाबंधन पर इस बार भी चांदी और सोने की राखियां तैयार की गई हैं। इन राखियों को लेकर खासी डिमांड रहती है।
महिलाओं को लुभा रहे पायल व बिछुए
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सावन महीने में बाजार में महिलाओं को आकर्षित करने के लिए फैंसी पायल, बिछुए और सोने की लौंग को भी नई डिजाइनों में सजाया गया हैं। इस साल चांदी का भाव गिरकर 34 हजार रुपये प्रति किलो होने के कारण भी बिक्री पिछले वर्षो से बेहतर है। फैंसी के दौर में गुणवत्ता के बजाए महिलाएं जर्कन और मीना जड़ित पायल व बिछुओं को ज्यादा महत्व दे रही हैं। विक्रेताओं ने डिमांड के आधार पर उनकी भी वैरायटी आकर्षक पैकिंग में सजाई है।