Move to Jagran APP

पतित पावनी को मैला कर रहे श्रद्धालु

जागरण संवाददाता, कासगंज (एटा) : पतित पावनी अब पापियों के पाप से ही गंदी नहीं है, बल्कि श्रद्धालु भी

By Edited By: Published: Mon, 06 Jul 2015 06:53 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2015 06:53 PM (IST)
पतित पावनी को मैला कर रहे श्रद्धालु

जागरण संवाददाता, कासगंज (एटा) : पतित पावनी अब पापियों के पाप से ही गंदी नहीं है, बल्कि श्रद्धालु भी इसे गंदा कर रहे हैं। इसकी पवित्रता और शुद्धता को गंदगी का ग्रहण लग रहा है। ऐसे हालातों में निर्मल गंगा अभियान की पूरी तरह हवा निकल रही है।

loksabha election banner

पतित पावनी को स्वच्छता की जरुरत है। मान्यता है कि गंगा नदी में खंडित मूर्तियां विसर्जित करने से पाप नहीं लगता है। इसके अलावा गंगा घाटों में शवों का अंतिम संस्कार कर हड्डियां भी विसर्जित की जाती हैं। इन सभी मान्यताओं के चलते पतित पावनी को पीड़ा हो रही है क्योंकि गंगा नदी अब दूषित होती जा रही है। जरुरत है इस नदी को साफ सुथरा और स्वच्छ बनाने की, लेकिन नमामि गंगे जैसे अभियान भी फ्लॉप होते नजर आ रहे हैं। निर्मल गंगा अभियान केंद्र सरकार की प्राथमिकता था। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने इस अभियान की अगुवाई की लेकिन औपचारिकताओं तक यह जिम्मेदारी सिमट कर रह गई। स्थानीय स्तर पर भी न तो पार्टी के कार्यकर्ता जागरुक दिखे और न प्रशासन।

समाजसेवी भी रहे पीछे

गंगा को साफ सुथरा बनाने के लिए तमाम समाजसेवी भले ही सुर्खियां बने रहे हो, लेकिन धरातल पर वह भी अपनी जिम्मेदारी को सही ढंग से नहीं निभा पाए। इस कार्य में समाजसेवियों की भी बेरुखी भी दिखाई दी।

नहीं कोई प्रावधान

गंगा नदी पर प्रदूषण फैलाने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन यहां किसी गंगा घाट पर कहीं भी कोई प्रावधान नहीं है और न ही किसी पर जुर्माना लगता है।

जागरुक हों लोग

अपर जिलाधिकारी बाल मयंक मिश्र कहना है कि प्रशासन साफ-सफाई के लिए अभियान चला रहा है। आम लोगों को भी जागरुक होकर इस कार्य में आगे आना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.