सिगरेट के छल्ले में धुंआ हो रही जिंदगी
जागरण संवाददाता, एटा, कासगंज: आज विश्व धूम्रपान निषेध दिवस है। धूमपान के आदी धूम्रपान को त्याग कर जि
जागरण संवाददाता, एटा, कासगंज: आज विश्व धूम्रपान निषेध दिवस है। धूमपान के आदी धूम्रपान को त्याग कर जिंदगी से हाथ मिलाने का संकल्प करें। सिगरेट और तंबाकू का सेवन जानलेवा है। अनजाने में लोग अपनी जिंदगी धुंए में उड़ा रहे हैं।
सिगरेट या बीड़ी पीना, धूमपान या नशा करना आत्महत्या करने के ही बराबर है। सिगरेट का धुआं फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग, ब्रॉनकाइटस जैसी बीमारिया देता है। चेतावनी के बाद भी धूमपान को दिन-प्रतिदिन बढ़ावा मिलता गया, तो अब चेतावनी में बदलाव करते हुए खरे शब्दों में लिखा आता है वार्निग-स्मोकिंग किल्स।
समझदार व्यक्ति को इशारा ही काफी है, लेकिन यहां तो केवल इशारा ही नहीं बल्कि स्पष्ट शब्दों में पूरी चेतावनी दी जा रही है। उसके बावजूद भी शर्म की बात यह है, धूमपान से हो रही मौतों की गिनती थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। एक सर्वे के मुताबिक जितनी मौतें आत्महत्याओं से होती हैं, उससे 30 गुणा ज्यादा लोग धूम्रपान से मृत्यु का ग्रास बनते हैं।
प्रभावी नहीं है कानून
सार्वजनिक स्थलों पर धूमपान करना प्रतिबंधित है। इसके लिए कानून भी बनाया गया है। लेकिन धूमपान निषेध कानून प्रभावी नहीं है। सरकारी कर्मचारी ही इसका उल्लंघन करते हैं। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों, सिनेमाघरों, सरकारी कार्यालयों में खुलेआम धूमपान निषेध कानून की धज्जियां उड़ाई जाती हैं। प्रशासन इस ओर से बेखबर है।
युवाओं में बढ़ रहा शौक
धूमपान प्राण घातक है, यह जानते हुए भी युवाओं में सिगरेट का शौक बढ़ता ही जा रहा है। यही स्थिति रही तो धूमपान से मरने वालों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ती ही जाएगी।
यह कहते हैं अधिकारी
अपर जिलाधिकारी बालमयंक मिश्र ने बताया कि धूमपान निषेध कानून प्रभावी किया जाएगा। सभी विभागाध्यक्षों को पूर्व में निर्देश जारी किए जा चुके हैं और पुन: निर्देश दिए जाएंगे कि अपने कार्यालय में धूमपान निषेध कानून का कड़ाई से पालन कराएं।