चिकित्सा सेवाएं ठप कर सड़क पर उतरेंगे डॉक्टर
जागरण संवाददाता, एटा: निजी नर्सिग होम और क्लीनिकों पर 8 मई को न डॉक्टर मिलेंगे और न इलाज। दरअसल, चिक
जागरण संवाददाता, एटा: निजी नर्सिग होम और क्लीनिकों पर 8 मई को न डॉक्टर मिलेंगे और न इलाज। दरअसल, चिकित्सकों के पंजीकरण और इलाहाबाद की घटना सहित पांच मुद्दों पर विरोध स्वरूप डॉक्टरों ने हड़ताल का एलान कर दिया है।
पिछले दिनों जहां इलाहाबाद में एक निजी क्लीनिक पर तोड़फोड़ और डॉक्टर के साथ मारपीट को लेकर चिकित्सकों में रोष बना हुआ है। वहीं नए-नए सरकारी फरमान उनके रोष को आक्रोश में बदल रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसियेशन की राज्य इकाई ने ऐसे पांच मुद्दों को लेकर हड़ताल का निर्णय लिया है। प्रदेश नेतृत्व से लिए गए निर्णय को असरदार बनाने के लिए चिकित्सकों ने कमर कस ली है। स्थानीय स्तर पर 8 मई को पूर्णरूप से हड़ताल रखने की योजना बना ली गई है। जिसके तहत आपात मामलों को छोड़कर सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक चिकित्सा सेवाएं बंद रखी जाएंगी।
ये हैं मांगें
इलाहाबाद में चिकित्सक के साथ मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी के अलावा मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को हर हाल में पूरी तरह लागू करने की मांग है। वहीं आइएमए ने सीएमओ कार्यालय में पंजीकरण को इंस्पेक्टर राज बताते हुए इस व्यवस्था को खत्म करने और पीसी पीएनडीटी एक्ट की आड़ में चिकित्सकों का उत्पीड़न और वसूली का आरोप लगाते हुए इसे बंद करने की मांग रखी है जबकि आवासीय क्षेत्र में चल रहे नर्सिग होम्स को शासनादेश के तहत नियमितीकरण करने की मांग की गई है।
इनका कहना है
आइएमए के जिलाध्यक्ष डा. हर्षवर्धन बिसारिया ने कहा कि 8 मई को हड़ताल कर चिकित्सकीय सेवाएं बंद रखी जाएंगी। चिकित्सकों के उत्पीड़न को रोकने के लिए प्रदेश सरकार तक आवाज पहुंचाई जाएगी। महासचिव डा. ललित वाष्र्णेय ने बताया कि आयुष और दंत रोग चिकित्सकों ने राज्य स्तर पर हड़ताल का समर्थन कर दिया है। हड़ताल असरदार रहेगी और प्रदेश सरकार को मांगें माननी होंगी।