अडिग रहे शिक्षक संगठन, नहीं हुआ मूल्यांकन
जागरण संवाददाता, एटा: शिक्षक संगठनों की एकजुटता के मध्य बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्य
जागरण संवाददाता, एटा: शिक्षक संगठनों की एकजुटता के मध्य बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन तीसरे दिन सोमवार को भी नहीं हो सका। मुख्यालय के पांचों मूल्यांकन केंद्रों पर संगठनों की कड़ी निगरानी के चलते तीसरे दिन भी कोई परीक्षक मूल्यांकन में शामिल नहीं हुआ। इस मध्य शिक्षक नेताओं ने अपनी मांगे उठाई। माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट ने इस दौरान डीआइओएस को ज्ञापन सौंपकर बहिष्कार मंगलवार से वापस लेने की घोषणा की है।
समय से परीक्षाफल घोषित करने के लिए बोर्ड की मंशा को शिक्षक संगठनों ने पलीता लगाया है। तीसरे दिन भी मूल्यांकन बहिष्कार के चलते शिक्षक संगठनों के नेताओं को छोड़ मूल्यांकन केंद्रों पर सन्नाटा ही रहा। शिक्षक संघ शर्मा गुट की पांच टीमें सोमवार को भी मूल्यांकन केंद्रों पर सुबह से ही निगरानी करती रहीं। वहीं कुछ पहुंचे परीक्षकों को बहिष्कार में शामिल करने को प्रेरित किया। शाम को संगठन की जिलाध्यक्ष डॉ. विनीता तिवारी के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने छह सूत्रीय मांगें पूरी होने के आश्वासन को लेकर प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा के नाम ज्ञापन जिला विद्यालय निरीक्षक को सौंपा।
वहीं अवगत कराया कि संगठन को सरकार ने मूल्यांकन कार्य का पारश्रमिक का नकद भुगतान कराने और मूल्यांकन व परीक्षा कार्य के भत्ते सीबीएसई बोर्ड के समान करने का आश्वासन मिला है। ऐसे में सरकार के आश्वासन व छात्र हितों को दृष्टिगत रखते हुए संगठन ने मंगलवार से बहिष्कार वापस लेकर मूल्यांकन में सहभागिता की बात कही। इस दौरान जिला मंत्री विवेक प्रताप सिंह, रामलाल कुशवाह, डा. दिनेश वशिष्ठ, डॉ. सुधीर गुप्ता, संतोष शर्मा, कन्हीं सिंह वर्मा, लज्जाराम यादव, नरेंद्रपाल सिंह, मुकेश शर्मा, मोहनलाल सागर, शैलेंद्र गुप्ता, नरेंद्रपाल सिंह आदि संगठन पदाधिकारी मौजूद थे।
दूसरी ओर माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुरई गुट के प्रांतीय उपाध्यक्ष रघुवीर सिंह यादव के नेतृत्व में भी पदाधिकारियों ने मूल्यांकन केंद्रों पर पहुंचकर शिक्षकों की समस्याओं को उठाते हुए बहिष्कार की सफलता की बात कही। इसी क्रम में पूर्व महामंत्री गुमान सिंह यादव के नेतृत्व में भी शिक्षक नेताओं ने वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय सहित अन्य मांगों को लेकर मूल्यांकन बहिष्कार में सहभागिता की। जिनमें रमेश सिंह, उमेश यादव, डा. नंदलाल, डा. आनंद कुमार, रनवीर सिंह, डॉ. बीबी सिंह आदि लोग शामिल थे। वित्तविहीन शिक्षक संघ ने भी बहिष्कार में पूरा योगदान किया।