अब जलेसर भी बनेगा प्रथम संदर्भन इकाई
जागरण संवाददाता, एटा: जलेसर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी अब प्रथम संदर्भन इकाई की श्रेणी में पहु
जागरण संवाददाता, एटा: जलेसर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी अब प्रथम संदर्भन इकाई की श्रेणी में पहुंच जाएगा। जहां गर्भवती महिलाओं के उच्च उपचार को लेकर विशेष इंतजाम किए जाएंगे। महिला अस्पताल के बाद जनपद में यह दूसरी इकाई होगी।
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर प्रदेश में काफी अधिक है। इसे कम करने के लिए सरकार की ओर से कई कोशिशें की जा रही हैं। सबसे अधिक खतरा जटिल तरह के प्रसव की परिस्थिति में होता है। इस अवस्था में महिलाओं को उच्च श्रेणी के उपचार की जरूरत होती है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में सही समय पर उचित इलाज न मिल पाने से हालात बिगड़ जाते हैं। सुधार के लिए प्रथम संदर्भन इकाइयों की योजना बनाई गई है। प्रथम चरण में जहां जिला महिला अस्पताल को इसका दर्जा दिया गया था। वहीं अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जलेसर को भी प्रथम संदर्भन इकाई के रूप में स्थापित करने के निर्देश शासन ने जारी किए हैं। इस इकाई में पूरे क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचने वाले जटिल प्रसव के मामलों को रेफर किया जाएगा। यहां प्रसूति रोग विशेषज्ञ, निश्चेतक सहित अन्य सहायक स्टाफ मौजूद रहेगा। जो कोई जटिल मामला आते ही तुरंत परीक्षण और उपचार शुरू करेंगे। जबकि स्थिति अधिक चिंताजनक होने पर यहां से रोगियों को सीधे उच्च उपचार के लिए रेफर किया जा सकेगा।
चिकित्सकों की कमी आएगी आड़े
सरकार के प्रयासों में चिकित्सकों की कमी आड़े आ सकती है। फिलहाल जलेसर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसूति रोग विशेषज्ञ, सर्जन, निश्चेतक चिकित्सक सहित रेडियोलॉजिस्ट की भी कमी है।
की जाएंगी व्यवस्थाएं
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरसी पांडेय ने बताया कि मातृ-शिशु मृत्यु दर पर शासन-प्रशासन गंभीर है। प्रथम संदर्भन इकाई बनाने की दिशा में जलेसर में पूरा आधारभूत ढांचा तैयार किया जाएगा। वहीं विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती करने के लिए शासन से मांग की जाएगी।