मौसमी रोगों तक का इलाज नहीं मौजूद
जागरण संवाददाता, सोरों(एटा) : बदलते मौसम में लोग रोगों से ग्रसित है लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
जागरण संवाददाता, सोरों(एटा) : बदलते मौसम में लोग रोगों से ग्रसित है लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर रोगों के नियंत्रण के लिए दवाएं ही उपलब्ध नहीं है। सर्दी, खांसी, बुखार की दवाओं का यहां टोटा पड़ गया है। अधिकांशत मरीजों को यहां से सिर्फ औपचारिकताएं पूर्ण करने के साथ ही रेफर कर दिया जाता है।
रोगों के नियंत्रण के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। लोगों के स्वास्थ्य के प्रति सरकार तो गंभीर है लेकिन मातहत गंभीर दिखाई नहीं दे रहे। इन दिनों वायरल बुखार, सर्दी, खांसी आदि के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। इन रोगों पर नियंत्रण करने के दावे तो किए जा रहे लेकिन हकीकत देखी जाए तो धरातल पर व्यवस्थाएं औंधे मुंह गिर रही है।
बात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोरों की करे तो यहां के हालात बद से बदतर है। इस केंद्र पर न तो दवाएं और न ही व्यवस्थाएं सिर्फ कागजों में कोरम पूरा किया जा रहा है। यहां सर्दी, खांसी के सीरप बीते लंबे समय से नहीं है। इस केंद्र पर सिर्फ औपचारिकताएं पूरी की जाती है। यहां के अधीक्षक एस. के. शर्मा प्राइवेट चिकित्सक के तौर पर मरीजों से 200 से 250 रुपये तक की फीस लेते हैं। इतना ही नहीं यह स्वास्थ्य केंद्र रेफर केंद्र बनकर रह गया है। किसी भी घटना में घायल होने वाले लोगों को सिर्फ औपचारिकताएं पूरी करने साथ ही रेफर कर दिया जाता है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सत्य सिंह कहते हैं कि मरीजों को बेहतर उपचार दिए जाने का प्रयास है। ऐसे रोगियों को ही रेफर किया जाता है जिनकी हालत गंभीर होती है। ततारपुर के उपकेंद्र पर स्टाफ का अभाव है वह जानकारी करेंगे और यहां की व्यवस्थाएं दुरस्त कराएंगे।
ततारपुर का उपकेंद्र हुआ बदहाल
कासगंज की कांशीराम आवासीय कालोनी ततारपुर में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया उपकेंद्र बदहाल हो चुका है। यहां स्वास्थ्य विभाग का कोई भी कर्मचारी नहीं पहुंचता है। यह उपकेंद्र सदैव बंद रहता है। जिससे कालोनी के बाशिंदों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पाता।