चालीस हजार खाते, कर्मचारी सिर्फ दो
जागरण संवाददाता, एटा : चालीस हजार से ज्यादा खाते, प्रतिदिन होता नकदी का लेन-देन, देर रात तक होता काम, फिर भी नहीं सुरक्षा का कोई इंतजाम। स्टाफ की कमी से चरमराई व्यवस्थाएं, नागरिक है परेशान। जी हां, यह नजारा है शहर के अरुणानगर उपडाकघर का। जिसको डाक डिलीवरी केन्द्र बनाने के बाद विभाग सुध लेना ही भूल गया।
अरुणानगर उपडाकघर को बीते साल डाक डिलीवरी आफिस बनाने के बाद विभाग ने अहमदाबाद, बावसा, बीगौर, बिजौरी, छोटी निधौली, दतेई, गिरौरा, जिरसमी, ककरावली, लालगढ़ी, लोया, मरथरा भगवानदास, मिलावली, नगला धनी, नगला कलू, नगला पवल, नगला खिल्ली, न्यौराई, फफोतू, राजपुर, रारपट्टी, रिजोर, रुस्तमगढ़, सरनऊ, सर्वोदय आश्रम के शाखा डाकघरों इससे अटैच कर दिया, परन्तु स्टाफ को अटैच नहीं किया। फलस्वरूप केन्द्र उप डाकपाल व सहायक के सहारे चल रहा है। उपडाकघर में एसबी, आरडी, टीडी, एमआईएस, एसबीएसएस के चालीस हजार से खाते संचालित है, खाता धारकों द्वारा प्रतिदिन हजारों रुपयों की जमा व निकासी की जाती है। बचत योजनाओं में खाते खुलवाने के लिए दो दर्जन से ज्यादा महिला अभिकर्ता भी इसी केन्द्र से जुड़े है, फिर भी विभाग इस केन्द्र में स्टाफ की कमी से होने वाली समस्याओं पर आंख मूंदे पड़ा है। मुहल्ले में सरकारी कार्यालयों की अधिकता के कारण सरकारी डाक का भी भारी दबाब है फिर भी स्टाफ नहीं बढ़ाया जा रहा, जिससे लोगों को अपनी बारी आने के लिए काफी प्रतीक्षा करनी पड़ती है।
मुहल्ला निवासी ब्रशांत सिंह एडवोकेट, ब्रजेश मिश्रा, आशुतोष मिश्रा, इला मिश्रा, उपमा शर्मा, माधव, केशव ने डाक अधीक्षक से उपडाकघर में स्टाफ बढ़ाने व सुरक्षा की मांग की है।