देवछठ: धूमधाम से मना जन्मोत्सव, हुई जय-जयकार
जागरण संवाददाता, एटा: देवछठ पर्व पर रविवार को दाऊजी महाराज का जन्मोत्सव परंपरागत रूप से धूमधाम के साथ मनाया गया। एटा में बारहसैनी मंदिर से दाऊजी महाराज की शोभायात्रा निकाली गई। वहीं अवागढ़ में 69वां रथयात्रा महोत्सव आयोजित हुआ, जहां अबीर गुलाल की होली के साथ श्रद्धालुओं ने दाऊजी महाराज की जय-जयकार की।
एटा में श्री बारहसैनी मंदिर से दाऊजी महाराज की शोभायात्रा आकर्षक झांकियों के साथ निकाली गई। यात्रा में दूरदराज के बैंड और डांस पार्टी के अलावा कृष्ण-राधा और ग्वाल वालों का नृत्य आकर्षण रहा। रथ पर विराजे दाऊजी महाराज की जगह-जगह आरती उतार लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इससे पूर्व प्रात: श्रद्धालुओं ने प्रभातफेरी निकाली। रथयात्रा बली मुहम्मद चौराहा, घंटाघर, जीटी रोड आदि स्थानों से होती हुई मंदिर पर संपन्न हुई।
इस दौरान अध्यक्ष रमेशचन्द्र वाष्र्णेय, संजय वाष्र्णेय एड., सुरेश चंद्र वाष्र्णेय, महेंद्रपाल वाष्र्णेय, मेला अध्यक्ष अनंत वाष्र्णेय, पूर्व सभासद दिनेश वाष्र्णेय, विनीत वाष्र्णेय, डॉ. दिलीप गुप्ता, ओपी गुप्ता, कृष्णस्वरूप वाष्र्णेय, मनीत वाष्र्णेय, मनोज वाष्र्णेय, गिर्राज वाष्र्णेय, राहुल, बॉबी के अलावा महिला मंडल की सुनीता वाष्र्णेय, प्रेमवती, पूनम, संध्या, लता, मंजू, रेखा, शीतल वाष्र्णेय आदि काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
अवागढ़: देवछठ मेला महोत्सव के अंतर्गत प्रात: श्रद्धालुओं ने प्रभात फेरी निकालकर जनजागरण किया। तदुपरान्त दाऊजी महाराज मंदिर में जन्म आरती व हवन-यज्ञ का आयोजन पंडित रमेशचंद्र शर्मा द्वारा मंत्रोच्चारण के मध्य कराया गया। दाऊजी महाराज का फूल-बंगला सजाये जाने के साथ ही छप्पन भोग भी लगाया गया। दोपहर में दाऊजी की रथयात्रा शुरू हुई, जिसका उद्घाटन व्यापार मंडल के जिला महामंत्री दिनेश वाष्र्णेय व दीप प्रज्ज्वलन सुधीर वाष्र्णेय द्वारा किया गया। रथयात्रा में आकर्षक झांकियों ने मनमोहा। वहीं बैंडबाजों पर धार्मिक धुनों पर श्रद्धालु नृत्य करते अबीर गुलाल उड़ाते रहे।
इस मध्य 'दाऊजी के भैया कृष्ण कन्हैया' की स्वर लहरियां श्रद्धालुओं को भक्ति से सराबोर करती रहीं। जगह-जगह श्रद्धालुओं ने दाऊजी महाराज का रथ रोककर आरती उतारी व प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान अतुल राठी, अशोक गुप्ता, चेयरमैन महेश पाल सिंह, संजीव वाष्र्णेय बंटी, राजेश वाष्र्णेय, जगन वाष्र्णेय, संजय मोहन वाष्र्णेय, आशीष वाष्र्णेय, संजीव सागर, मनोज वाष्र्णेय, मंगलसेन वाष्र्णेय, रवेंद्र वाष्र्णेय, विष्णु वाष्र्णेय, प्रवीन गुप्ता, जगदीश खलीफा, वरुण वाष्र्णेय, करण वाष्र्णेय, जौली वाष्र्णेय, यतेंद्र वाष्र्णेय, आनंद वाष्र्णेय, गणेश वाष्र्णेय, लक्ष्मीनारायण वाष्र्णेय आदि काफी संख्या में वाष्र्णेय समाज के लोग मौजूद थे।