श्रावक-श्राविकाओं ने किया उत्तम मार्दव का अनुशरण
जागरण संवाददाता, एटा: जैन धर्म के प्रमुख दस लक्षण महापर्व के दूसरे दिन जिनालयों में उमडे़ श्रावक-श्राविकाओं ने उत्तम मार्दव का अनुसरण किया तथा अभिमान और दंभ का परित्याग करने का संकल्प लिया। शाम को जिनालयों में विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।
पर्यूषण पर्व के दूसरे दिन शहर के जिनालयों में उत्तम मार्दव लक्षण वृत के लिये लोगों की भीड़ एकत्रित होने लगी। जानकी दास चैत्यालय से दिगम्बर जैन वीर मंडल द्वारा निकाली गई प्रभात फेरी में सम्मलित होकर शहर के प्रत्येक मंदिर में भ्रमण किया। सबसे ज्यादा भीड़ पुरानी बस्ती स्थित बड़े जैन मंदिर में देखी गई। जहां पर भगवान पार्श्वनाथ व महावीर स्वामी के अभिषेक के लिए आतुर पीत व श्वेत वस्त्रधारी श्रावक वातावरण को मन मोहक बना रहे थे। मंदिर में आचार्य सुंदर सागर महाराज द्वारा पूर्ण विधि-विधान से भगवान पाश्र्र्वनाथ व महावीर स्वामी का अभिषेक कराया। मंदिर में आचार्य व अन्य मुनियों व आर्यिकाओं द्वारा किए जा रहे मंत्रोच्चार द्वारा उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं ने आराध्य का पूजन किया।
प्रवचन में आचार्य ने उत्तम मार्दव का महत्व समझाते हुए कहा, यह मनुष्य के मान और अहंकार का नाश करके उसकी विनय शीलता को दर्शाता है। अपने प्रवचन में उन्होंने श्रावक-श्राविकाओं से अभिमान का परित्याग करने का उपदेश दिया। कमोवेश यही स्थिति शहर के प्रेमनगर स्थित नशिया जी, ठंडी सड़क स्थित नेमीनाथ जिनालय, जानकी का मंदिर व चेत्यालयों की रही। जहां श्रद्वा से ओतप्रोत श्रावकों द्वारा पूजन अर्चन का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। लोगों ने उत्तम मार्दव वृत को जीवन में धारण कर अभिमान और दंभ के परित्याग का संकल्प लिया।
शाम को पुरानी बस्ती स्थित बड़े जैन मंदिर व प्रेमनगर स्थित नशिया जी में आरती व भजन हुए। नशिया जी मंदिर में हुए कार्यक्रमों में प्रबंधक कैलाश चन्द्र जैन, संतोष जैन, रोहित जैन, गजेन्द्र जैन, सुरेश चन्द्र जैन, बंटी जैन, विजय चन्द्र जैन, आनंद जैन, अनिल जैन, प्रदीप जैन, अशोक कुमार जैन सहित काफी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।